हमारे देश की महिलाएं किसी भी मामले मे पुरुषों से कम नहीं है। किसी भी क्षेत्र में महिलाएं नेतृत्व बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। हमारे देश को नाज़ हैं उन महिलाओं पर जो देश और देशप्रेम की भावना को सबसे ज़्यादा महत्त्व देती हैं। आपको पहले भी ऐसी कई महिलाओं की कहानियों से रूबरू कराया जा चुका है।
आज की हमारी यह कहानी एक ऐसी महिला की है जो 4 साल पहले देश की पहली “प्रादेशिक सेना ऑफिसर लेफ्टिनेंट” बनी है, जिनका नाम है “शिल्पी गर्गमुख”।
शिल्पी गर्गमुख
शिल्पी गर्गमुख का जन्म बिहार में हुआ। उन्होंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई बिहार के कटिहार में स्थित “नवोदय विद्यालय” से संपन्न की। दसवीं और बारहवीं में उन्होंने टॉप करके अपने घर का नाम रौशन किया। आगे की पढ़ाई उन्होंने “बिरसा प्रौद्योगिकी इंस्टिट्यूट” से पूरी कर “केमिकल इंजीनियरिंग” की डिग्री प्राप्त की। यह क्षण उनके लिए बेहद खुशी का था। Shilpy अपने सपने को पूरा करने के लिए आगे बढ़ चुकी थी। फिर क्या था.. उन्होंने अपने जज्बे से इतिहास रच दिया।
TCS की नौकरी छोड़ बनी भारतीय सेना
शिल्पी की सफलता के बाद उन्हें हैदराबाद ( Hyderabad) में TCS की नौकरी मिली। लेकिन उनके सपनों को तो अपनी ऊंचाइयों पर जाना था। फिर शुरू हुआ वर्दी लेने का सफर। शिल्पी को वर्दी से बेहद प्यार था और वह चाहती थी कि मैं भी वर्दी पहन कर देश के लिए सेवा में अपना योगदान दूं। फिर वह एक एनजीओ “अंकलेश्वर केमिकल इंजीनियरिंग” में “केमिकल इंजीनियरिंग” पद के लिए नियुक्त हुई।
तब उन्हें मालूम हुआ कि एनजीओ की सहायता से भारतीय सेना में बहाल हो सकती हूं। फिर उन्होंने अपनी मेहनत से जांच और परीक्षा दोनों पास कर हौसला और हुनर के दम पर अपने सपने को पूरा कर दिखाया। वह दिन शिल्पी की ज़िंदगी का ऐतिहासिक पल है जिसे वह कभी भूल नहीं सकती। वर्ष 2016 में 5 अक्टुबर को देश की पहली “प्रादेशिक सेना ऑफिसर लेफ्टिनेंट” ( Lady Territorial Army Officer) बन एक मिसाल कायम किया।