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बासुकीनाथ मंदिर में बिहार (bihar) के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की पूजा अर्चना के लिए सारे सिस्टम को ताक पर रख दिया गया. कोरोना के खतरे को देखते हुए मंदिर में अरघा सिस्टम से पूजा अर्चना करायी जा रही है. लेकिन बुधवार को जब तेजस्वी यादव मंदिर में पूजा के लिए पहुंचे तो सारे नियम कायदे-कानून ताक पर रख दिये गये ।

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बासुकीनाथ मंदिर में बुधवार को तेजस्वी यादव पूरे लाव लश्कर के साथ पूजा करने पहुंचे थे. उनके साथ झारखंड सरकार में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी मौजूद थे. दर्जनों राजद नेताओं का काफिला भी साथ था. मंदिर प्रशासन ने आनन फानन में तेजस्वी की वीआईपी पूजा के लिए अपने सारे सिस्टम को बदल दिया ।

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कोरोना के बढते खतरे को देखते हुए ये तय किया गया था कि बाबा बासुकीनाथ का जो भी अभिषेक करेंगे वे शिवलिंग को स्पर्श नहीं करेंगे. अरघा सिस्टम के जरिये भगवान का अभिषेक करेंगे. अरघा सिस्टम के तहत श्रद्धालु मंदिर के बाहर से ही जलापर्ण करते हैं और वो जल सीधे भगवान के ऊपर गिरता है ।

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लेकिन तेजस्वी के लिए आनन फानन में अरघा सिस्टम बदल दिया गया. उन्हें मंदिर के गर्भ गृह में जाकर स्पर्श पूजा करने की सुविधा दे दी गयी. तेजस्वी यादव दूसरे वीआईपी नेताओं और पुरोहितों के साथ मंदिर के गर्भ गृह में गये औऱ भगवान का स्पर्श पूजा किया ।

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तेजस्वी यादव के लिए वीआईपी अरेटमेंट से मंदिर के पंडों पुरोहितों में आक्रोश दिखा. मंदिर के पंडों ने बताया कि मंदिर प्रशासन ने सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए नहीं बल्कि पंडा औऱ पुरोहितों के लिए भी गर्भ गृह में जाकर भगवान का स्पर्श करने पर रोक लगा रखा है. कोरोना के मद्देनजर सब उसका पालन कर रहे हैं. लेकिन तेजस्वी यादव के लिए सिस्टम क्यों बदल दिया गया. क्या वीआईपी की पूजा से कोरोना का खतरा नहीं होता ।

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