blank 28 4

भारत ही नहीं, विलायत में भी स्कूल बसों का रंग पीला होता है. यह हैरानी वाली बात हो सकती है, लेकिन इसकी कई खास वजहें हैं. आपको इस बात की जानकारी होगी कि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में रंग बड़ा रोल निभाते हैं. अलग-अलग रंग न हों तो जिंदगी शायद बदरंग हो जाए. कुछ यही बात बसों के रंग को लेकर भी है. तभी दुनिया के किसी कोने में चले जाएं, वहां स्कूल बसों को पीले रंग में भी पुताई करते हैं ।

Also read: बिहार में इस दिन से होगी मूसलाधार बारिश, इन जिलों में चलेगी तेज हवा

रंगों का समीकरण

रंगों का समीकरण समझने के लिए हमें VIBGYOR या विबग्योर का समीकरण समझना होगा. विबग्योर अलग-अलग सात रंगों के गठजोड़ को दर्शाता है. इसे वायलेट या बैंगनी, इंडिगो या आसमानी, ब्लू या नीला, ग्रीन या हरा, येलो या पीला, औरेंज या नारंगी और रेड या लाल रंग से समझ सकते हैं. लाल रंग की वेवलेंथ सबसे ज्यादा होती है, लिहाजा उसे सबसे ज्यादा दूर से देखा जा सकता है. इस हिसाब से उसका इस्तेमाल खतरे के संकेत या ट्रैफिक लाइट के रूप में होता है. सात रंगों की शृंखला में पीला रंग लाल रंग से नीचे होता है जिसकी वेवलेंथ लाल से कम होती है लेकिन ब्लू कलर से ज्यादा ।

Also read: बिहार में इस दिन आएगा मानसून, जाने कहां कहां होगी बारिश

क्या है लैटरल पेरीफेरल विजन

यहां लैटरल पेरीफेरल विजन का मतलब है जिसे किनारे या अगल-बगल में भी आसानी से देखा जा सके. कोई व्यक्ति सामने देख रहा है और बगल से कोई पीले रंग की बस गुजर रही है, तो आसानी से इस रंग का आभास हो जाएगा. स्कूल बसों को पीले रंग से रंगने का यही कारण है कि सामने देखते हुए भी बगल का आभास हो सके और किसी दुर्घटना से बचा जा सके ।

Also read: बिहार में फिर होगी मूसलाधार बारिश, इन जिलों में गरजेंगे बादल

भारत में स्कूल बसों को पीला रंग मिला, इसके पीछे सुप्रीम कोर्ट का एक अहम फैसला है. बसों को पीले रंग में रंगने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ कई निर्देश जारी किए थे. ये निर्देश क्या थे, आइए जानते हैं-

Also read: बिहार को भीषण गर्मी से मिलेगी राहत, दो दिनों तक होगी बारिश

  • बस के आगे-पीछे स्कूल बस लिखना आवश्यक है.
  • अगर किसी बस को हायर किया जा रहा है तो उस पर ‘ऑन स्कूल ड्यूटी’ लिखना अनिवार्य है.
  • स्कूल बस में फर्स्ट एड बॉक्स रखना जरूरी है.
  • स्कूल बस की खिड़कियों पर ग्रिल लगाना जरूरी है.
  • बस में अग्निशामक यंत्र लगाना जरूरी है.
  • बस पर स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर लिखा होना चाहिए.
  • बस के दरवाजे में लॉक लगा होना चाहिए.
  • स्कूल बैग बस में सुरक्षित रहे, इसके लिए सीट के नीचे जगह बनी होनी चाहिए.
  • स्कूल बस में स्कूल का एक अटेंडेंट होना चाहिए. बस में स्पीड गवर्नर लगे हों और अधिकतम स्पीड 40 किमी प्रति घंटा होना चाहिए.
  • अगर स्कूल कैब हो तो पीले रंग के साथ 150 एमएम की हरी पट्टी रंगी होनी चाहिए. हरी पट्टी कैब के चारों ओर बीच में रंगी होनी चाहिए. पट्टी पर स्कूल कैब लिखना जरूरी है.

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.