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आजकल खेती में नई-नई तकनीकें इस्तेमाल की जा रही हैं। यहाँ तक कि कम भूमि में भी अधिक उत्पादन प्राप्त करने की भी बहुत-सी तकनीकें खोज ली गई हैं।

आपको जानकर शायद हैरानी होगी पर केवल एक एकड़ की ज़मीन पर खेती करके 1 साल में ही 6 से 12 लाख रुपए भी कमाए जा सकते हैं।आप सोचेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है? पर यदि सही प्रकार से प्लानिंग करके और पूरी मेहनत से काम किया जाए तो, ऐसा भी हो सकता है।

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Source – thebetterindia.com

पहले किया करते थे रासायनिक खेती

फुल कुमार (Phool Kumar) ने 10वीं कक्षा तक पढाई की है। फिर उसके बाद वह अपने पारंपरिक कार्य खेती में ही लग गए थे। वर्ष 1998 में उन्होंने कृषि कार्य शुरू किया था। इस प्रकार से वे करीब 22 वर्षों से खेती का ही काम करते आए हैं। वे बताते हैं कि खेती की शुरुआत के समय में उन्हें बहुत परेशानियाँ आई। जब वे रासायनिक खेती किया करते थे तब उस समय कपास की खेती ज़्यादा की जाती थी।

परंतु रासायनिक खेती से मुनाफा काफ़ी कम होता था और रसायन लेने के लिए ख़र्च ज़्यादा करना पड़ता था। कपास की खेती से 1 वर्ष में 1 लाख 15 हज़ार की कमाई होती थी तो रसायनिक स्प्रे का ख़र्च ही 1 लाख 25 हज़ार रुपये आ जाता था। इस तरह से कमाई कम हो रही थी और ख़र्चा अधिक हो रहा था। ऐसे में ख़र्चा ज़्यादा होने की वज़ह से परिवार का ख़र्च भी नहीं निकल पाता था तथा पैसों की बहुत दिक्कत आ जाती थी।

टीवी पर एक कार्यक्रम देखकर जैविक खेती के लिए प्रेरित हुए

फुल कुमार (Phool Kumar) बताते हैं कि खेती में ज़्यादा रासायनिक कीटनाशक उपयोग करने की वज़ह से हर वर्ष उनके गाँव में 3-4 व्यक्तियों की मृत्यु भी हो जाया करती थी। फिर उन्होंने सोचा कि रासायनिक से खेती से कमाई तो कुछ होगी ही नहीं और परिवार के सदस्य छोड़कर जा रहे थे, घर ख़र्च में भी बहुत दिक्कत आ रही थी, इस प्रकार से कई तरह की समस्याएँ उनके सामने आ रही थीं। फिर एक दिन उन्होंने टीवी पर आने वाला राजीव दिक्षित का एक कार्यक्रम देखा, जिसमें जैविक खेती के बारे में जानकारी दी गई थी कि जैविक खेती किस प्रकार से करनी चाहिए।

वर्ष 2017 में की “पन्चस्तरीय जंगल मॉडल” की शुरुआत

इसके बाद सुभाष पालेकर ने उन्हें “जंगल पद्धति” (Jungle Model Farming) का एक नक़्शा बनाकर दिया तथा इस खेती के बारें में ठीक प्रकार से समझा भी दिया। फिर फुल कुमार ने वर्ष 2017 अपनी ज़मीन पर “पन्चस्तरीय जंगल मॉडल” कृषि पद्धति की शुरुआत कर दी।

खेती की इस तकनीक से पहले मॉडल में फुल कुमार ने अपनी पौने एकड़ ज़मीन पर ही 54 नींबू के, 133 अनार के, 170 केले के तथा 420 सहजन के पेड़ उगाए। फूल कुमार ने यह सभी पेड़ उनके पौधें से ना लगाकर बल्कि उनके बीजों से उगाए। उन्होंने बताया कि पहले मॉडल में ही वे 420 काली मिर्च के पेड़ व 420 अंगूर की बेल भी लगाएंगे, जो कि वे इसी साल उगाने वाले हैं।

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.