Site icon APANABIHAR

पोती को पढ़ाने के लिए दादा ने घर तक बेच दिया, अब ऑटो में ही खाते और सोते हैं

blank 18 5

मुंबई के रहने वाले एक बुज़ुर्ग ऑटो रिक्शा ड्राइवर ‘देसराज’ की कहानी आजकल सोशल मीडिया पर छाई हुई है। जिन्होंने अपनी पोती की पढ़ाई के लिए अपना घर भी बेच दिया, ताकि वह अपनी पढ़ाई पूरी करके सफल अध्यापिका बने।

Also read: एकाएक गिरा सोने का भाव, देखें सोने का ताजा रेट

अब बेघर देसराज ने अपनी ऑटो रिक्शा को ही घर बना लिया और ऑटो में ही खाना-पीना और सोना होता है। सोशल मीडिया पर इनकी कठिनाई में भी मुस्कुराती हुई तस्वीर और दिल को छू लेने वाली कहानी वायरल हो गई है और बहुत से लोगों ने इनकी सहायता करने की गुहार भी की है।

Also read: Gold Price Today: सोने के भाव में गिरावट, जाने आपके शहर में क्या है रेट

देसराज मुंबई में ऑटो रिक्शा चलाने का काम करते हैं। जब उनके दो बेटों की मृत्यु हो गई तो सारे परिवार को संभालने का भार उनके ऊपर आ गया। ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को जब उन्होंने इंटरव्यू दिया तो सोशल मीडिया पर लोगों ने संवेदना जताई।

Also read: बिहार से दिल्ली के लिए चल रही स्पेशल ट्रेन, जाने किराया व रुट

देसराज ने बताया कि 6 वर्ष पूर्व उनका एक बेटा अचानक लापता हो गया था। वह काम करने के लिए घर से कह कर गया लेकिन फिर कभी घर वापस नहीं आया। उसके 8 दिन के बाद ही देसराज के 40 वर्षीय बेटे की लाश मिली। वे कहते हैं कि उनको अपने बेटे के दुःख में रोने का मौका भी नहीं मिला।

Also read: राजस्थान से पटना के बीच चल रही स्पेशल ट्रेन, जाने किराया व रुट

इसके बाद सारे परिवार की जिम्मेदारी बुजुर्गो देशराज पर आ गई। लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और ऑटो चलाकर परिवार का पालन पोषण किया। इसके बाद भाग्य ने उन्हें एक और घाव दिया। उनके छोटे बेटे ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। देसराज बताते हैं कि ” ड्राइविंग करते समय, मुझे एक फ़ोन आया-‘ आपके बेटे का शव प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर मिला है, जिसने अपनी जीवन लीला समाप्त ली है।

मैंने दो बेटों के अंतिम संस्कार की चिता जलाई है, एक बाप के लिए इससे ज़्यादा बुरी बात क्या हो सकती है? दोनों बेटों की मृत्यु के बाद भी देशराज ने हिम्मत नहीं आ रही और अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाते रहे। अपनी पोते पोतियों के लिए खाने पीने और स्कूल भेजने की सारी व्यवस्था वही करते थे।

Exit mobile version