रंगों का त्योहार आने में अब कुछ दिन बाकी हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है। इस साल होलिका दहन 28 मार्च (रविवार) को है।
शास्त्रों में होलिका दहन को यज्ञ स्वरूप बताया गया है, जिसे शुभ मुहूर्त में किया जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, होलिका दहन भद्राकाल में नहीं करना चाहिए।
प्रदोष काल में होलिका दहन करने से इसका महत्व और बढ़ जाता है। 28 मार्च से शुरू होकर पूर्णिमा तिथि 29 मार्च की मध्य रात्रि 12 बजकर 17 मिनट तक रहेगी।
होलिका दहन के दिन बनने वाले शुभ समय-
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 30 मिनट से 29 मार्च की सुबह 05 बजकर 16 मिनट तक।
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से दोपहर 03 बजकर 06 मिनट तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06 बजकर 11 मिनट से शाम 06 बजकर 35 मिनट तक।
अमृत काल- सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक।
निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 50 मिनट से 29 मार्च की सुबह 12 बजकर 37 मिनट तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन
अमृत सिद्धि योग- शाम 05 बजकर 36 मिनट से 29 मार्च की सुबह 06 बजकर 03 मिनट तक।