राज्य में अब जमीन के खरीदारों को म्यूटेशन यानी दाखिल खारिज के पचड़े में नहीं पड़ना होगा। राज्य सरकार ने ऐसी प्रक्रिया शुरू की है जिसके बाद अब जमीन की रजिस्ट्री होने के साथ ही खुद ब खुद म्यूटेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।

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इसके लिए अब जमीन मालिक को अलग से ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी।

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सरकार ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए जो व्यवस्था की है उसके तहत जमीन की रजिस्ट्री के बारे में पूरी जानकारी अपने आप सीओ के पास चली जाएगी।

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हालांकि अभी यह सुविधा केवल उन्हीं खरीदारों को मिलेगी जो जमाबंदीदार से जमीन खरीदेंगे यानी यदि किसी ऐसे विक्रेता से जमीन खरीदेंगे जिसके नाम पर जमाबंदी है

इसका मतलब यह हुआ कि अगर विक्रेता के नाम से जमाबंदी है तो म्यूटेशन की प्रक्रिया रजिस्ट्री के साथ शुरू हो जाएगी लेकिन अगर जमाबंदी विक्रेता के नाम से नहीं है और वह जमीन किसी ऐसे वारिस के तरफ से बेचा जा रहा है जिसकी जमाबंदी नहीं कराई गई है तो पुरानी व्यवस्था से म्यूटेशन के लिए आवेदन करना होगा।

सरकार ने इस नई व्यवस्था के लिए अंचल कार्यालय को निबंधन कार्यालय से जोड़ दिया है। इसके लिए सॉफ्टवेयर भी तैयार किया जा चुका है।

31 मार्च को मंत्री रामसूरत राय इस योजना की शुरुआत करेंगे। इस नई व्यवस्था के शुरू होने से दाखिल खारिज को लेकर ना तो विभागीय लापरवाही की शिकायतें मिलेंगी और ना ही आम लोगों को बार-बार कार्यालय का चक्कर लगाना होगा।

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