बिहार में कई विश्वविद्यालयों की तरफ से की जा रही नियुक्ति में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला किया है
सरकार ने विश्वविद्यालय प्रशासन के ऊपर नकेल कसते हुए उनका दायरा सीमित कर दिया है, अब विश्वविद्यालयों से प्राचार्य और तृतीय वर्ग के कर्मियों की भर्ती का अधिकार छीन लिया गया है
विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी मनमर्जी से जुड़े कर्मियों की बहाली नहीं कर सकेगा
विश्वविद्यालय के तरफ से अब कॉलेज के प्राचार्य भी नहीं बनाए जाएंगे
सरकार ने इसके लिए नियमावली में संशोधन किया है. अब कॉलेज में तृतीय वर्ग के कर्मियों की बहाली राज्य कर्मचारी चयन आयोग से की जाएगी, वहीं सरकारी कॉलेज के प्राचार्य की बहाली का अधिकार बिहार राज्य विवि सेवा आयोग को दे दिया गया है
मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में इस नियमावली के संशोधन को हरी झंडी दे दी गई है