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दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी की सुविधा अब मार्च की बजाय अप्रैल माह से शुरू होगी। सस्ते राशन की दुकानों पर बायोमेट्रिक मशीनों के नहीं लग पाने के कारण इस योजना में देरी हो रही है।

हालांकि, सरकार की ओर से घरों तक राशन पहुंचाने की योजना को लेकर एक्शन प्लान जारी कर दिया गया है। बता दें कि घरों तक राशन पहुंचाने वाले वाहनों में जीपीएस सिस्टम भी लगाया जाएगा।

बायोमीट्रिक पहचान अनिवार्य

दिल्ली में राशन की डिलीवरी करने के लिए दिल्ली सरकार ने बायोमीट्रिक पहचान अनिवार्य की है।

दिल्ली की लगभग दो हजार से अधिक दुकानों पर बायोमीट्रिक मशीनें लगाई जानी हैं, जिनका काम अभी पूरा नहीं हो पाया है।

जिन दुकानों पर मशीनें लगी हैं, उनमें से करीब 20 फीसदी दुकानों पर मशीनें ठीक से काम नहीं कर रही हैं। ऐसे में डोर स्टेप डिलीवरी योजना को शुरू होने में अतिरिक्त समय लग रहा है।

गेहूं नहीं, आटा मिलेगा

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना के तहत दिल्ली की सभी 70 विधानसभाओं में लगभग 17 लाख लोगों के घरों तक राशन पहुंचाए जाने की योजना है।

लोग यदि दुकानों से राशन लेना चाहते हैं तो वे उसे जारी रख सकते हैं। वहीं, इस योजना के लिए वे आवेदन कर सकते हैं। इसके तहत दिल्ली सरकार की ओर से गेंहू न देकर लोगों को आटा दिया जाएगा।

गेहूं पिसाई का खर्चा उठाएगी सरकार

दिल्ली सरकार की ओर से जारी गैजेट नोटिफिकेशन के मुताबिक, मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना के तहत गरीबों को उचित दर की दुकानों तक नहीं जाना पड़ेगा।

सभी खाद्य सामग्री गरीबों के घर तक पहुंचाई जाएगी। गेहूं के बदले आटा और चावल के पैकेट मिलेंगी। गेहूं पिसाई का खर्च सरकार उठाएगी।

चावल और चीनी इत्यादि के पैकेट पर इसके तैयार होने की तिथि व एक्सपायरी तिथि भी दी जाएगी जिससे लोगों को ताजा सामान मिलेगा।

पूरी प्रक्रिया निगरानी में होगी

राशन की डिलीवरी के लिए लोगों के बायोमेट्रिक पहचान ली जाएगी। इसी आधार पर लोगों को राशन दिया जाएगा। सभी प्रकार के सामान गोदाम से लेने, पैकेजिंग करने और गरीबों के घर तक पहुंचाने की प्रक्रिया सीसीटीवी, जीपीएस और बायोमीट्रिक प्रणाली के तहत पूरी की जाएगी।

दिल्ली कंज्यूमर कोऑपरेटिव होलसेल स्टोर लिमिटेड को सभी सूचना रियल टाइम पर भी उपलब्ध कराई जाएगी।

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