बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा अब क्षेत्रीय भाषा में दी जाएगी। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बुधवार को विधानसभा में यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में शिक्षा को लेकर स्पष्ट निर्णय है। यह बच्चों में न केवल विश्वास पैदा करेगा बल्कि वे विषयों को सहजता से समझ सकेंगे।
प्रारंभिक शिक्षा का माध्यम उनकी अपनी भाषा में होना इन्हें सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
मंत्री सदन में विभाग के बजट पर सामान्य चर्चा के दौरान सरकार का पक्ष रख रहे थे।
मंत्री की इस घोषणा से भोजपुरी, मैथिली, अंगिका, बज्जिका, मगही आदि इलाकों में छात्रों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
हालांकि पहले मैथिली, भोजपुरी व मगही से इसकी शुरुआत होगी।
मंत्री की घोषणा के बाद जब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार से दैनिक भास्कर ने पूछा कि यह कब तक लागू होगा तो उन्होंंने कहा कि अगले सत्र यानी 2021-22 सत्र से