जब भी भारतीय टीम में महान खिलाड़ियों की चर्चा होगी तो उसमे टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली का नाम सबसे ऊपर रहेगा. क्युकी टीम इंडिया के इस रन मशीन ने ऐसे ऐसे रिकॉर्ड बनाए है. जिसे तोड़ना मजुदा दौर के बल्लेबाजों के लिए असम्भव लग रहा है. वैसे अब विराट कोहली टीम इंडिया के कप्तान तो नही रहे लेकिन फिर भी उनकी टीम में अहमियत उतनी ही है. जितना कप्तानी के दौर में था.

सबसे खास बात यह है की अब भारतीय टीम के रन मशीन का टी20 में चयन नही होता है. ऐसा लगता है की विराट कोहली को अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अब आराम देना चाहती है. जैसा की आपने देखा होगा की टीम इंडिया के पिछले दो टी 20 सीरीज विराट कोहली को नही चुना गया था. अब ऐसा लग रहा है की टी20 की टीम से रन मशीन की छुट्टी हो सकती है.

आपको बता दे की टीम इंडिया के रन मशीन यानी की विराट कोहली ने भारत के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 2008 में खेली थी. जिसके बाद विराट के करियर में कई तरह के उतार चढ़ाव देखने को मिला. लेकिन इन सब चीजों को पीछे छोड़ विराट कोहली आज टीम इंडिया के रन मशीन बने हुए. विराट कोहली का बल्ला जब चलता है तो भारत की उस मैच में जीत पक्की हो जाती है.

बताया तो यह भी जा रहा है की विराट कोहली को तीन साल के उम्र से ही क्रिकेट खेलने का शोक था. तब उन्होंने अपने हाथ में बल्ला थाम लिया था. जैसा की आपने सुना होगा की कोहली के पिता ने उन्हें दिल्ली के एक क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिलाया. विराट कोहली का जीवन का सबसे बुरा दौर 18 साल की उम्र में गुजरा था. बता दे की विराट कोहली ने 18 साल की उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था.
