blankeffeefefeefef

सच्ची लगन और आत्मनिर्भरता से इंसान हर मुकाम को हासिल कर सकता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, ओडिशा की दयमंती माझी ने. छोटी सी उम्र में उसने डिप्टी मेयर बनकर इतिहास रच दिया है. अपने लड़कपन के उम्र में दमयंती माझी ने बड़ो – बड़ो को प्रेरणा देते हुए अपना नाम समाज में स्थापित कर लिया है.

ओडिशा राज्य के जगतपुर-बलीसाही झुग्गी में रहने वाली दयमंती माझी ने 21 साल की उम्र डिप्टी मेयर की चुनाव जीतकर कटक की सबसे कम उम्र की डिप्टी मेयर बन गई. फ़िलहाल दयमंती मांझी रैवनशा विश्वविद्यालय से M.Com कर रही है. दयमंती माझी के पिता का निधन 5 साल पहले हो गया था. जिससे घर को सारी जिम्मेदारी दयमंती माझी के मां पर आ गई थी.

दयमंती की मां मेहनत मजदूरी करके घर को चलाती थी. दयमंती भी अपना पढ़ाई की खर्च उठाने के लिए उसी झुग्गी में बच्चो को त्युसन पढ़ाती थी. दमयंती ना तो राजनीति परिवार की थी, ना ही कभी चुनाव लड़ी थी. दमयंती बताती है कि राजनीतिक उसकी पहली चॉइस नहीं है. कटक डिप्टी मेयर का चुनाव उसका पहला चुनाव था.

दयमंती माझी बताती है कि उनके क्षेत्र में कई तरह की समस्याएं थी , तब उन्होंने डिप्टी मेयर चुनाव लड़ने के लिए फैसला लिया. दमयंती के यह गुण बीजेपी नेताओं को भा गया. अपने क्षेत्र में सभी समस्याओं को जड़ से खत्म करना चाहती थी. दमयंती का यह सोच सफल हो गया. 24 मार्च को दमयंती ने डिप्टी मेयर के चुनाव जीत हासिल कर ली.