न्यूजीलैंड दौरे पर विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत बहुत ही खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं. अगर उनकी जगह कोई दूसरा बल्लेबाज होता तो उसे कब का टीम से बाहर कर दिया गया होता. इसी बीच भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेली जा रही तीन वनडे मैचों की सीरीज का तीसरा और अंतिम मैच क्राइस्टचर्च में खेला जा रहा है. इस मैच में भारतीय टीम बढ़िया प्रदर्शन करने में नाकाम रही. पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने नियमित अंतराल पर विकेट खोए.
बार- बार फेल होने के बाबजूद मौके दीए गय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत एक बार फिर फ्लॉप रहे. वह सिर्फ 10 रन बनाकर आउट हुए. तीसरे मैच में उनसे बहुत उम्मीदें थीं. पंत पर जितना बीसीसीआई चयनकर्ताओं ने भरोसा किया है उतना शायद हाल के वर्षों में किसी क्रिकेटर पर नहीं किया. देश-विदेश के कई क्रिकेट के जानकार अक्सर पंत की वाहवाही करते हैं. लेकिन उन्होंने व्हाइट बॉल क्रिकेट में अब तक निराश किया है.
आपको बता दे की इसी साल जुलाई में ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में खेले गए एकदिवसीय मैच में 125 रन की नाबाद पारी खेली थी. उस इनिंग्स के बाद से खामोस हो गया है. तब से लेकर अब तक पंत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों में 14 पारियों खेल चुके हैं. इस दौरान उनके बल्ले सिर्फ 244 रन निकले. इस दरम्यान पिछले तीन वनडे मैचों की दो पारियों में वह केवल 25 रन बना पाए. टीम प्रबंधन को भले ही उनकी योग्यता पर भरोसा करता हो. लेकिन पंत मैनेजमेंट के भरोसे पर खरे नहीं उतरे हैं.
लेकिन सबसे जरूरी बात यह है की भारतीय चयनकर्ताओं को पंत पर भरोसा है इस लिए वे उनके आगे नहीं सोच पाते हैं. कई क्रिकेट विश्लेषक भी ऋषभ पंत की तारीफ करते हैं. लेकिन उन्होंने जुलाई के बाद से ऐसी कोई धमाकेदार पारी नहीं खेली जो प्रसंशा के लायक हो. आपके जानकारी के लिए बता दे की पंत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में पिछली 14 पारियों में सिर्फ 244 रन बनाना कहां कि काबिलियत है? शायद कोई दूसरा विकेटकीपर बल्लेबाज होता तो उसे अब तक टीम से बाहर फेंक दिया गया होता. पंत को लेकर बीसीसीआई भी नरम रुख अपनाता है. अब तो सबाल यह भी उठ रहा है की ऋषभ पंत न जाने कितने होनहार विकेटकीपर बल्लेबाजों की राह रोके खड़े हैं.