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केवल सपना देखने से कुछ नहीं होता है, उन्हें हकीकत करने के लिए मेहनत जरूरी है. सपने पूरा करने के लिए रातों को नींद कुर्बान करनी पड़ती हैं. अगर आप जी भर कर सोवोगे तो आपका सपना कभी पूरा नहीं होगा. ऐसे ही आठवीं में पढ़ रही बच्ची ने एयर होस्टेस बनने का सपना देखा था, और 12 साल बाद उसने अपने सपनों को पूरा कर लिया.

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The Time of India के अनुसार पी गोविंदन और बिजी की बेटी गोपिका गोविंद का बचपन में ही बहुत असुविधा थी. हुआ यूँ की गोपीका जब आठवीं कक्षा में पढ़ती थी. तब उन्होंने अपने घर के ऊपर से हवाई जहाज जाते हुए देखी था. उस समय गोपिका गोविंद महज 8 वर्ष की थी. लेकिन उसने मन ही मन ठान लिया था कि वह एक न एक दिन एयर होस्टेस बनेगी.

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Image Credit : Indiatimes

लेकिन गोपिका गोविंद को अपना सपना पूरा करना आसान नहीं था. क्योंकि एयर होस्टेज की’ पढ़ाई काफी महँगी होती है. जो की एक साधारण कारण परिवार के लिए संभव नहीं था . लेकिन उसी दौरान गोपीका को पता चला की सरकार ST (Schedule Tribe) लड़कियों को पढाई के लिए अनुदान देती है. गोपीका IATA कस्टमर केयर में डिप्लोमा करने का मौका मिला गया.

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वायनाड आम के ड्रीम स्काई एविएशन ट्रेनिंग एकेडमी में पढ़ाई शुरू कर दी. सरकार ने गोपीका को ₹1,00,000 रूपये से मदद की थी .

केरल की पहली आदिवासी एयर होस्टेज बनने वाली गोपीका गोविंद है. 12 साल की उम्र में एयर होस्टेस बनने का सपना देखी. केरल की अनुसूचित जनजाति करीमबाला की गोपीका ने 12 साल बाद अपने मेहनत से सपना पूरी की.