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कितनी भी स्थिति खराब क्यों ना हो, लेकिन अगर कोई व्यक्ति में कुछ करने की ललक हो तो, उनका रास्ता कोई नहीं रोक सकता. इसी का उदाहरण सुरश्री रहाणे नामक इस लड़की ने फिर से साबित कर दिया है. उन्होने बचपन से ही मुसीबतों का सामना करना पड़ा, जब 15 दिन की थी तब उन्होंने पहली सर्जरी हुई उसके बाद सुरश्री रहाणे को सर्जरी पर सर्जरी होते रही.

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भारत के दक्षिण भारत के महाराष्ट्र राज्य के नासिक शहर में रहने वाली सुरश्री रहाणे ने अपने हौसले के दम पर पढ़ाई से लेकर काम तक सभी में में सफलता है पाई. सुरश्री ने बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज थी. लकिन इसके पैर में लगातार सर्जरी होने के बावजूद वह अपने स्कूल में टॉप आती थी. इसके बाद उन्होंने पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन कम्पलीट किया.

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Credit : India Times

उसके बाद नई दिल्ली में बड़े प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूल दिल्ली यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. सुरश्री वह सटिफाइड ड्राइवर होने के साथ-साथ भरत भरतनाट्यम डांसर भी है . इनको 30 साल के उम्र में 15 सर्जरी के दर्द से गुजर रही. सुरश्री ने पेप्सीको और एचपी जैसे कंपनियों में काम किए. तब इंजीनियरिंग के समय उनकी मुलाकात अमोल बगुल नामक एक लड़के से हुई. 22 साल की उम्र में अमोल शादी की और दोनों ने पढ़ाई को जारी रखा.

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सुरश्री एक बिजनेसमैन फैमिली से बिलॉन्ग करती है. उनकी मां भी नासिक में उनके नाम से साड़ी का स्टोर चलाती है. सुरश्री को शुरू से ही उधमी बनने का सपना था, सुरश्री अपना खुद का कुछ काम करना चाहती थी. जिसके लिए उसने निवेशक से बात की लेकिन वहा भी उनकी बात नहीं बनी. उसके बाद 2018 में उन्होंने Yearbook Canvas नाम से अपनी खुद की कंपनी शुरू कर दिया.

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अब इसका यह प्रयास सफल रहा. कंपनी शिक्षण संस्थानों और कॉरपोरेटस की सोशल नेटवर्क इयरबुक और मचेडाइज को बनाने में मदद करती है. सुरश्री ने ये सोचा कि उनकी कंपनी में 2023 तक में 30% दिव्यांगों को उनकी कम्पनी में जगह मिले.