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मुसीबतें कितनी भी क्यों ना हो, घबराना नहीं चाहिए. जो मुसीबतें में भी अपने हौसले को बुलंद रखते हैं, वह मंजिल पा ही लेते है. इसका बहुत बड़ा उदाहरण राजस्थान राज्य की शिक्षक शोभा माथुर है. पति के मौत के बाद भी अपनी हिम्मत नहीं हारी और वेट लिफ्टिंग में अपना कैरियर बनाने पर फोकस किया. शोभा माथुर को बचपन से खेल कूद में काफी रूचि थी.

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राजस्थान राज्य के रावतभाटा जगह के एक सरकारी स्कूल के अध्यापिका है शोभा माथुर. इनके पति का निधन 3 वर्ष पहले हो गया था. पति के निधन के बाद डिप्रेशन में चली गई. परिवार वालों के समझाने के बाद अपना कैरियर वेट लिफ्टिंग में बनाने के लिए के लिए प्रेरित हुई. शोभा ने अपने हौसले को मजबूत रखी और अपना नाम पावर लिफ्टिंग के लिए भेज दिया.

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मीडिया कंपनी इंडिया टाइस के अनुसार 50 वर्षीय शोभा 2 बच्चे की मां है . जिन्होंने कई मेडल हासिल की है. अक्टूबर में उन्होंने नेशनल मास्टर_ पुरुष महिला क्लासिक पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में 290 किलो वजन उठाकर सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया. शोभा ने पहली बार 2021 में राज्यस्तरीय पावरलिफ्टिंग में मेडल जीता था, और 220 किलो वजन उठाकर स्वर्ण पदक हासिल कि. उसके बाद शोभा ने 2013 में आयोजित एशियन गेम्स में हिस्सा बन गई थी.

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