बिहार में प्राइवेट कंपनी नहीं होने के कारण बिहार के युवा सरकारी नौकरी के पीछे भागते. रिस्क लेकर कुछ नया करने की हिम्मत नहीं कर पाते हैं. ऐसे ही समय में एक युवा अपने कैरियर को नहीं बल्कि सैकड़ों छात्रों का उम्मीद बन गया है. यह कहानी 22 साल के अंकित देव अर्पण की है. जिन्होंने बहुत छोटी उम्र में बहुत बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है.
अंकित देव अर्पण का जन्म 13 सितंबर 1999 को बिहार के चंपारण जिले में हुआ था. इनके पिता का नाम संजीव दुबे और माता का नाम विमल देवी है. उनकी माता ने बचपन से ही उनकी पढ़ाई पर ध्यान दिया. अंकित देव अर्पण ने 5 वी.तक की पढ़ाई अपने गांव के स्कूल से ही किया. उसके बाद उनका चयन जवाहर नवोदय विद्यालय में हो गया. उसने दसवीं तक जवाहर नवोदय विद्यालय समस्तीपुर से किया , और 12वीं की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय समस्तीपुर से पूरी किया . इसके बाद स्नातक की पढ़ाई I.M.S. नोएडा से पूरी किया.
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— The Writers Community (@writerscomm) October 13, 2022
अंकित अपना खर्च उठाने के लिए Freelance Writing में काम करने लगे . इस काम से उनका अनुभव उतना अच्छा नहीं रहा, काम तो मिल गया, लेकिन काम के बदले रुपया नहीं देते थे, अपनी दोस्त सान्या दास के साथ 21 साल की उम्र में अपनी खुद की कंपनी खड़ी कर दी. अपने कंपनी का नाम “द राइटर्स कम्युनिटी “रखा. अंकित को शुरुआत में बहुत मुसीबतें आई. लेकिन दोस्त का साथ मिला और वह अपना कोशिश जारी रखा. अंकित ने 400 से अधिक लोगो का रोजगार प्रदान किया. अंकित को स्क्रिप्ट राइटिंग, वीडियो एडिटिंग, जैसे काम करने को मिला. अंकित को “ग्लोबी अवार्ड्स”से भी सम्मानित किया गया है.