खुले बाजार में 2800 रुपये से लेकर 5600 रुपये प्रतिकिलो है मानव बालों की कीमत
देश में मानव बालों के कन्साइनमेंट कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है।
इसकी वजह चीन को गैरकानूनी तरीकों से मानव बालों की स्मलिंग माना जा रहा है।
इस स्मलिंग से भारत को हर साल करीब 150 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है।
बालों की तस्करी को देखते हुए पश्चिम बंगाल के स्पेशल इन्वेसटिगेशन ब्रांच की तरफ देशभर में जीएसटी, कस्टम्स, डीआरआई और एयरपोर्ट अथॉरिटी को अलर्ट भेजा गया है।
इनका कहना है कि कुछ मानव बालों के एक्सपोर्टर जानबूझ कर अपने कन्साइनमेंट का मूल्य कम दर्शा रहे हैं।
कम दिखा रहे कन्साइमेंट की कीमतें
देश के टॉप एक्सपोर्ट्स अपने कन्साइनमेंट की कीमत 27 रुपये से लेकर 1400 रुपये प्रतिकिलो दर्शा रहे हैं।
जबकि देश में मानव बालों की मौजूदा समय में खुले बाजार में कीमत रुपये 4500 रुपये से 6000 रुपये प्रतिकिलो के बीच है।
साल 2017 से इनके औसत मूल्य में काफी गिरावट देखने को मिली है। देश में इन्हें चुट्टी, गोली और थुट्टी के नाम से भी जाना जाता है।
बांग्लादेश को सस्ते लेबर का फायदा
भारत से बालों को खरीद कर म्यांमार और बांग्लादेश में प्रोसेस्ड किया जाता है।
यहां सस्ते लेबर की वजह से बालों की प्रोसेसिंग काफी फायदेमंद पड़ती है।
इसके बाद इन्हें चीन भेजा जाता है। चीन मानव बालों से ह्यूमन विग के साथ ही ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं।
भारत से हर साल लगभग 400 मिलियन डॉलर के बाल सप्लाई होते हैं।
मानव बालों का कारोबार 2,500 करोड़ रुपये से अधिक का बताया जाता है।
इस व्यापार में हर साल कम से कम 10% की वृद्धि हो रही है।
देश में कोलकाता, चेन्नई और आंध्रप्रदेश बालों के बिजनस का गढ़ हैं। यहां से 90 फीसदी बाल चीन को भेजे जाते हैं।