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बिहार में नगर निकाय चुनाव होने वाला है. इस बार बिहार में नगर निगम में प्रत्याशी को चुनने की प्रक्रिया बदल दी गई है. इस बार नगर निगम के मेयर-डिप्टी मेयर और नगर परिषद के पार्षद और उप मुख्य पार्षद को वहां की जनता सीधे वोट करके चुनेगी. पहले ऐसा नहीं था . पहले जनता सिर्फ पार्षद को चुनती थी. जिसके लिए जनता को सिर्फ एक वोट देने होते थे. फिर सभी पार्षद मिलकर एक मेयर या मुख्य पार्षद को चुनती थी. अब मेयर या मुख्य पार्षद , डिप्टी मेयर या उप मुख्य पार्षद और पार्षद का चुनाव तीन -तीन वोट डालकर किया जायेगा.

बिहार निकाय चुनाव में इस बार एक साथ तीन पदों के लिए वोट किये जायेंगे. मतदाता कंफ्यूज न हो इसके लिए मतदान केन्द्रों पर तीन-तीन तरह की ईवीएम का इस्तेमाल किया जायेगा. मतदाताओं को समस्या से बचाने के लिए तीन रंग के मतदान पत्र बनाए गए है. पीले रंग का मतदान पत्र से शहर में मेयर अथवा मुख्या पार्षद का चुनाव होगा. आसमानी यानि स्काई ब्लू रंग के बैलेट पेपर से डिप्टी मेयर या उप मुख्य पार्षद को वोट किया जायेगा. जबकि सफ़ेद रंग वाले वैलेट को पार्षद के चुनाव के लिए इस्तेमाल होगा.

बता दें की चुनाव आते ही बिहार नगर निकाय के उम्मीदवारों के बीच चुनाव के बीच समर्थन देने और लेने का खेल शुरू जो जाता था. अब इसपर रोक लगेगी. शहर के मेयर को जनता अब सीधे-सीधे वोट करके चुनेगी तो मेयर की जनता के प्रति जबाबदेही भी सीधे जनता के साथ ही होगी. मेयर के प्रत्यक्ष वोटिंग से चनाव में होने वाली हार्स ट्रेडिंग पर भी लोक लगेगी.