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हमारे देश में आजकल अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाने की मुहिम चलाई जा रही है। खास कर उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा तो मध्य प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान को बुलडोजर मामा कहा जाने लगा है। खास बात यह है की अवैध कब्जों को हटाने के लिए जिस मशीन का उपयोग हो रहा है लोग यउसे उसे JCB या बुलडोजर कहते हैं। इसका उपयोग खुदाई, तोड़-फोड़ या किसी चीज को हटाने के लिए किया जाता है। इसे दोनों तरफ से ऑपरेट किया जा सकता है। इस जंबो मशीन का रंग पीला होता है।

पहले रंग पीला नहीं, नीला और लाल था : आपको बता दे की हम लोगों में से ज्यादातर लोग इस मशीन को JCB कहते हैं, लेकिन ये इसका नाम नहीं है। JCB वो कंपनी है जो ये मशीन बनाती है। इस जंबो मशीन का सही नाम बैकहो लोडर है। JCB कंपनी की नींव 1945 में रखी गई थी। कंपनी ने जो पहला बैकहो लोडर बनाया था, वो 1953 में बनाया था, वो नीले और लाल रंग का था। बताया जा रहा है की इसके बाद इसे अपग्रेड करते हुए साल 1964 में एक बैकहो लोडर बनाया गया, जो पीले रंग का था। इसके बाद से लगातार पीले रंग की ही मशीनें बनाई जा रही हैं और यहां तक कि अन्य कंपनियां भी कंस्ट्रक्शन साइट पर इस्तेमाल होने वाली मशीनों का रंग पीला ही रखती हैं।

लीवर्स से होती है ऑपरेट, लोडर लगा होता है : जैसा की हम सब जानते है की बैकेहो लोडर दोनों तरह से काम करती है। इसे स्टेयरिंग के बजाय लीवर्स से ऑपरेट किया जाता है। इसमें एक साइड के लिए स्टेयरिंग लगी होती है, जबकि दूसरी तरफ क्रेन की तरह लीवर लगे होते हैं। इस मशीन में एक तरफ लोडर लगा होता है, जो बड़ा वाला हिस्सा होता है। इससे कोई भी सामान उठाया जाता है। इसके अलावा दूसरी तरफ इसमें एक साइड बकेट लगा होता है।

भारत में JCB की 5 फैक्ट्रियां और डिजाइन सेंटर : बताते चले की JCB इंडिया की देश में 5 फैक्ट्री और एक डिजाइन सेंटर भी है। कंपनी ने भारत में बनी मशीनों का निर्यात 110 से ज्यादा देशों में किया है।

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