उत्तर भारत के कई राज्यों में आज बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है
आज ही के दिन से वसंत ऋतु की शुरूआत होती है. इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है. लोग पीले रंग का वस्त्र पहन कर मां सरस्वती की पूजा करते हैं
कुछ लोग बसंत पंचमी को श्री पंचमी भी कहते हैं. इस दिन लोग खासकर छात्र-छात्रा विद्या की देवी सरस्वती की आराधना करते हैं. बच्चों की शिक्षा प्रारंभ करने या किसी नई कला की शुरुआत के लिए इस दिन को काफी शुभ माना जाता है
श्रद्धालु इस दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करते हैं और विद्या की देवी का पूजन करते हैं
पुराणों में लिखा है सृष्टि को वाणी देने के लिये ब्रह्मा जी ने कमंडल से जल लेकर चारों दिशाओं में छिड़का था।
इस जल से हाथ में वीणा धारण कर जो शक्ति प्रकट हुई वह सरस्वती देवी कहलाई। उनके वीणा का तार छेड़ते ही तीनों लोकों में ऊर्जा का संचार हुआ और सबको शब्दों में वाणी मिल गई।
बसंत पंचमी के दिन न करें ये 5 गलतियां
1: इस दिन काला कपड़ा पहनना शास्त्रों में वर्जित माना गया है। काला कपड़ा पहनने से अशुभ माना जाता है।
2: बसंत पंचमी वाले दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। इस दिन मांस-शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
3: बसंत पंचमी पर पेड़-पौधों को नहीं काटना चाहिए।
4: बसंत पंचमी के दिन सभी से प्यार और संयम से बोलना चाहिए। इस दिन किसी से वाद-विवाद या क्रोध नहीं करना चाहिए।
5: बसंत पंचमी के दिन हल्दी लगाकर सुबह स्नान जरूर कर लेना चाहिए। बिना नहाए कुछ भी नहीं खाना चाहिए। माता सरस्वती की पूजा के बाद ही कुछ खाना चाहिए।