विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बावजूद दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में गुरुवार को सरसों तेल-तिलहन में तेजी देखने को मिली। बताया जा रहा है की वैश्विक बाजारों में कमजोरी की वजह से पामोलीन और सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट आई। खबरों की माने तो मलेशिया एक्सचेंज में लगभग 3.5 फीसद की गिरावट थी जबकि, शिकॉगो एक्सचेंज में लगभग एक फीसद की गिरावट रही।
दिल्ली मंडी में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
- सरसों तिलहन – 7,550-7,600 (42 फीसद कंडीशन का भाव) रुपये।
- मूंगफली – 6,550 – 6,645 रुपये।
- मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,350 रुपये।
- मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,540 – 2,730 रुपये प्रति टिन।
- सरसों तेल दादरी- 15,250 रुपये प्रति क्विंटल।
- सरसों पक्की घानी- 2,410-2,485 रुपये प्रति टिन।
- सरसों कच्ची घानी- 2,460-2,560 रुपये प्रति टिन।
- तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये।
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 16,200 रुपये।
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,950 रुपये।
- सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 14,750।
- सीपीओ एक्स-कांडला- 14,200 रुपये।
- बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,850 रुपये।
- पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 15,700 रुपये।
- पामोलिन एक्स- कांडला- 14,450 रुपये (बिना जीएसटी के)।
- सोयाबीन दाना – 7,525-7,575 रुपये।
- सोयाबीन लूज 7,225-7,325 रुपये।
- मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये।
सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम काफी महंगे : जानकारों की माने तो विदेशी तेलों विशेषकर कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल के दाम काफी महंगे हैं और इसके लिवाल नहीं हैं। आपको बता दे की इन तेलों की कमी फिलहाल सरसों से पूरी हो रही है। पिछले सालों में किसानों को तिलहन का अच्छा दाम मिलने से इस बार सरसों के उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि हुई है। सरसों की खपत बढ़ रही है और गुरुवार को मंडियों में सरसों की आवक लगभग 10 लाख बोरी की हुई।