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देश में तेल के बढ़े दामो से लोग काफी परेसान है. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के कारण वैश्विक बाजार (International Market) में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. खुदरा ईंधन विक्रेता कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल और एलपीजी की कीमतों में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. कुल मिलाकर इससे महंगाई (Inflation) के और बढ़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है.

आपको बता दे की पिछले साल नवंबर के बाद से ब्रेंट क्रूड की कीमतों (Brent Crude Price) में 40 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है. आईसीआरए लिमिटेड में कॉरपोरेट रेटिंग के वाइस प्रेसिडेंट एवं सह-प्रमुख प्रशांत वशिष्ठ का कहना है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें आगे अभी और बढ़नी हैं. बताया जा रहा है की ब्रेंट क्रूड 119 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया है. ऐसे में नुकसान की भरपाई के लिए ऑटो ईंधन (Auto Fuel) यानी पेट्रोल-डीजल के दाम 18-19 रुपये प्रति लीटर और बढ़ाने की जरूरत है.

भारतीय परिवारों पर बढ़ेगा दबाव, घटेगी खपत : खास बात यह है कि क्रिसिल लिमिटेड की प्रमुख अर्थशास्त्री दीप्ति देशपांडे ने कहा कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि होनी ही थी, लेकिन इससे महंगाई को लेकर चिंता बढ़ गई है. ईंधन की बढ़ती कीमतों से भारतीय परिवारों पर दबाव बढ़ सकता है. मीडिया रिपोर्ट की माने तो इससे वस्तुओं और सेवाओं की मांग में कमी आ सकती है. तेज आर्थिक विकास के लिए ब्याज दरों को कम रखने की आरबीआई (RBI) की प्रतिबद्धता पर भी महंगाई का दबाव पड़ेगा.

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