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देश में पिछले एक साल में महंगाई का सबसे अधिक असर खाद्य तेलों पर पड़ा है. खास बात यह है की इसके कारण इस बार होली में आम लोगों का बजट गड़बड़ा सकता है. होली के मौके पर खाद्य तेलों की खपत अधिक होती है. इसके कारण रिफाइंड तेल, सरसों तेल और डालडा की मांग तीन गुना तक बढ़ जाती है. पिछले साल (होली) की तुलना में रिफाइंड तेल की कीमत में लगभग 68 फीसदी तक का इजाफा हो चुका है. मार्च, 2021 में रिफाइंड तेल की कीमत 95-120 रुपये प्रति लीटर थी, जो मार्च, 2022 में बढ़कर 160-185 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गयी है.

मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस तरह एक साल में 65 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है. इसी तरह सरसों तेल की कीमतों में भी भारी इजाफा हुआ है. मार्च 2021 में 95 -125 रुपये प्रति लीटर वाला सरसों तेल फिलवक्त 175-200 रुपये के भाव बिक रहा है. इस तरह एक साल में लगभग 84 फीसदी का इजाफा हो चुका है, जो लगभग 80 रुपये प्रति लीटर है. वही डालडा की कीमत में एक साल में 85 रुपये का इजाफा हुआ है. पिछले साल डालडा की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर थी, जो इस साल उसी अवधि में 185 रुपये तक पहुंच चुकी है. इस तरह देखा जाये, तो डालडा की कीमत में 85 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है.

चना दाल में 10 रुपये तक की वृद्धि : आपको बता दे की चना दाल 65 रुपये से बढ़ कर 75 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गया है. वहीं चना 65 रुपये से बढ़ कर 70 रुपये प्रति किलो हो गया है. इस तरह देखा जाये, तो चना दाल में 10 रुपये और चना में पांच रुपये प्रति किलो का इजाफा हो चुका है. उड़द दाल भी 100 रुपये बढ़ कर 110 रुपये प्रति किलो हो गया है. खुले आटे की कीमत 26 रुपये से बढ़कर 28 रुपये के स्तर पर पहुंच चुकी है.

वही तरह सूजी और मैदा में दो रुपये प्रति किलो का इजाफा एक साल में दर्ज किया गया है. जबकि राहत वाली बात यह है कि चीनी की कीमत 45 रुपये प्रति किलो से घटकर 42 रुपये प्रति किलो हो गयी है. होली के मौके पर ड्राइ फ्रूट्स की मांग काफी बढ़ जाती है, लेकिन राहत वाली बात यह है कि इसमें एक-दो आइटम को छोड़ सभी आइटम की कीमत पिछले साल वाली ही है.

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