घर बनाने वालों को महंगाई का एक बड़ा झटका लगने जा रहा है। सरिया के बाद अब ईंट भी महंगी होने जा रही है। कोयले की दरों में निरंतर जारी बढ़ोत्तरी के बाद अब एक हजार रुपये प्रति हजार ईंट बढ़ने जा रहा है। वही कारोबारियों का कहना है कि एक तरफ ईंधन यानी कोयला महंगा हाेने से ईंट की पकाई का काम प्रभावित हो चुका है तो दूसरी ओर बारिश से बड़ी संख्या में कच्ची ईंंट बर्बाद हुई है। साथ ही जीएसटी की दरों में बढ़ोत्तरी प्रस्तावित है। तय तिथि से आठ हजार रुपये में प्रति हजार मिलने वाली अव्वल ईंट राजधानी लखनऊ में 13 मार्च से नौ हजार में मिलेगी।

आंदोलित ईंट कारोबारी आठ को दे रहे हैं दिल्ली में धरना : आपको बता दे की ब्रिक किल्न एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल एवं महामंत्री मुकेश मोदी ने बताया कि जीएसटी की दरों में प्रस्तावित बढ़ोत्तरी पांच फीसद से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने और सालाना टर्नओवर बीस लाख करने के प्रस्ताव का विरोध किया जा रहा है। खास बात यह है की काउंसिल की आगामी बैठक में इस पर विचार किया जाए। ईंट-भट्ठा मालिक आल इंडिया ब्रिक एंड टाइल मैन्यूफैक्चरर्स फेडरेशन के आह्वान पर आठ मार्च को दिल्ली में जंतर-मंतर पर ईंट कारोबारी धरना-प्रदर्शन करेंगे।

मीडिया रिपोर्ट की माने तो बारिश में भट्ठा व्यापारियों का भट्ठा बैठ गया है। सीजन शुरू होने से पहले ही लखनऊ जिले में पकने के लिए तैयार की गई करीब तीन करोड़ से अधिक कच्ची ईंटें पहले ही खराब हो चुकी हैं। इसका नतीजा नई ईंटों के रेट पर दिख रहा है। बर्बाद हुई ईंटों की पथाई करा दोबारा काम शुरू कराया गया। 14 जनवरी के बाद शुरू होने वाली भट्ठा फुंकाई फरवरी तक गति नहीं पकड़ सकी।    -मुकेश मोदी, महामंत्री ब्रिक किल्न एसोसिएशन

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