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वर्तमान समय में अभी रूस और युक्रेन के बीच युद्ध चल रही है | जानकारों की माने तो इस युद्ध में सिर्फ और सिर्फ रूस और युक्रेन की ही नहीं नुक्सान हो रही है बल्कि बाकी और भी देश के लोगों को इसका नुक्सान सहना पड़ रहा है | इन दोनों देशों का नुक्सान तो हो ही रहा है | लेकिन बाकि देशों को बीस युद्ध से महंगाई जैसे समस्या का सामना करनी पड़ रही है | बता दे की इस जंग के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कच्चा तेल के कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल के पार निकल गया है। जो कि पिछले 14 साल के मुकाबले कभी नहीं हुआ था।

पेट्रोल-डीजल सरसों तेल के आने वाले समय में बढ़ेंगे दाम : आपको बता दे की देश में अभी कच्चा तेल के दाम दिन पर दिन बढ़ते जा रहे है इससे अनुमान लगाया जा रहा है की आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल का भी कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है | यही नही इस युद्ध के चलते डॉलर के मुकाबले रुपया सबसे कमजोर हालत में पहुंच गया है। अभी 1 डॉलर की कीमत 77 रुपए के पार निकल गई है। ऐसे में इससे भी महंगाई बढ़ने लगी है। इसके अलावा नेचुरल गैस महंगी होने से आने वाले दिनों में LPG-CNG के दाम भी बढ़ सकते हैं। वहीं अब सोना की कीमत में भी तेजी देखी जा रही है।

10-15 रूपये महंगा हो सकता है पेट्रोल डीजल : बताया जा रहा है की देश में पिछले कुछ समय से पेट्रोल डीजल की दाम बढ़ी हुई है बता दे कि देश के कई राज्यों में पेट्रोल डीजल के दाम 100 के पार रही है | वही मीडिया रिपोर्ट की माने तो मीडिया का कहना है कि आने वाले 10 दिनों के भीतर घरेलू तेल कंपनियों को सिर्फ लागत की भरपाई के लिए 16 मार्च 2022 या उससे पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतें 12.1 रुपये प्रति लीटर बढ़ानी होंगी। मार्जिन (लाभ) को भी जोड़ लें तो उन्हें 15.1 रुपये प्रति लीटर तक दाम में इजाफा करना होगा। जाहिर है कि अगर तेल कंपनियां ये बढ़ोतरी करती हैं तो देश के आम लोगों के लिए ये एक बड़ा झटका होगा। 

मीडिया रिपोर्ट की माने तो इंटरनेशनल बजारों में तो इनमें 300% से भी ज्यादा का उछाल आ चुका है। इसके चलते इलेक्ट्रॉनिक्स, व्हाइट गुड्स और बर्तन समेत वे तमाम वस्तुएं महंगी हो जाएंगी, जिनमें बेस मेटल्स इस्तेमाल होते हैं।वही रूस और यूक्रेन दुनिया के बड़े गेहूं एक्सपोर्टर हैं। रूस जहां दुनिया में गेहूं निर्यात करने के मामले में पहले स्थान पर है, तो वहीं यूक्रेन पांचवां बड़ा गेहूं एक्सपोर्टर है। कजाकिस्तान, जॉर्जिया, तुर्की, इजिप्ट और पाकिस्तान टॉप 5 देश हैं जो रूस से गेंहूं इंपोर्ट करते हैं। वहीं यमन, लीबिया और लेबनान जैसे देश जो पहले से ही युद्ध से गुजर रहे हैं, वो अपने गेहूं के लिए यूक्रेन पर निर्भर हैं।

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