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आने वाले कुछ समय में रेलवे यात्रियों को अब महामारी के पहले की तरह यात्रा करने का विकल्प मिलेगा। रेल मंत्रालय ने देश भर की ट्रेनों में अनारक्षित बोगियों की पुनर्बहाली की व्यवस्था करने की घोषणा की है। मंत्रालय की ओर से इस संबंध में रेलवे बोर्ड के निदेशक (पैसेंजर मार्केटिंग) विपुल सिंघल ने सभी जोनल रेलवे के चीफ कॉमर्शियल मैनेजर को पत्र भेज दिया है। हालांकि, ट्रेनों में जनरल टिकट पर यात्रा उस तिथि से लोग कर सकेंगे जब तक कि उस ट्रेन में पूर्व से आरक्षण न कराया गया हो।

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आपको बता दे की रेलवे बोर्ड के पत्र के मुताबिक नियमित ट्रेन नंबरों के साथ पहले से बहाल ट्रेनों में महामारी के पूर्व लागू द्वितीय श्रेणी के कोच के लिए आरक्षित व अनारक्षित लागू नियम पुनर्बहाल किए जा रहे हैं। इससे यात्रियों को यह फायदा होगा कि जनरल बोगियों में यात्रा के लिए अब पहले की तरह आरक्षण कराने के झंझट से निजात मिल जाएगी। यानी लोग आसानी से अनारक्षित टिकट खरीदकर यात्रा कर सकते हैं। इसका फायदा सबसे अधिक उन यात्रियों को होगा जो लंबी दूरी की यात्रा करते हैं। बता दें कि पूर्व मध्य रेल में अभी कुल 300 से अधिक ट्रेनों का परिचालन हो रहा है।

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वही सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि यह पुनर्बहाली किसी ट्रेन में अग्रिम आरक्षण अवधि खत्म होने के दिन से लागू होगी अथवा यह उस दिन से लागू होगा जिस दिन से कोई आरक्षण नहीं होगा। उन्होंने बताया कि अभी के समय में अग्रिम आरक्षण अवधि 120 दिनों की है। ऐसे में मान लीजिए कि अगर किसी व्यक्ति ने 28 फरवरी को जरनल बोगी में यात्रा के लिए टिकट आरक्षित कराया है तो उस ट्रेन में 120 दिन के बाद से अनारक्षित बोगी में आरक्षण नहीं हो सकेगा।

इसका मतलब है की यानी 28 जून से उस ट्रेन में जनरल टिकट पर लोग यात्रा कर सकते हैं। साथ ही दूसरी ओर अगर उस ट्रेन में मान लीजिए कि यात्रियों का अग्रिम आरक्षण 15 मार्च तक का ही है, तो उस स्थिति में 15 मार्च के बाद यात्री सामान्य बोगी में टिकट आरक्षित नहीं करा सकेंगे। इसके बाद से ट्रेन में जनरल टिकट पर ही यात्रा होगी। पटना जंक्शन के अनारक्षित बुकिंग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार महामारी के पूर्व रोजाना औसतन 20 लाख रुपए की आमदनी होती थी। अभी यह घटकर 10 से 12 लाख रुपए पर आ गई है। अब अनारक्षित टिकट पर सभी ट्रेनों में यात्रा से अनारक्षित काउंटर की कमाई बढ़ जाएगी।

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