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हमारे देश मे हुनरयुक्त लोगो की कमी नही है। जज़्बा हो और मिट्टी के प्रति श्रद्धा हो तो बंजर ज़मीन से भी लाखों की आमदनी हो सकती है। हमारे किसान बहुत अच्छे से जानते हैं कि किस मौसम के लिए कौन सी खेती उपयुक्त होगी, और लाभ क्या होगा।

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बात अगर राजीव की हो तो , उन्होंने पत्थर वाली भूमि को उपजाऊ जमीन में बदल दिया है। जहा अभी कई तरह के फसल उगाई जाती हैं।

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आज के समय मे केमिकल युक्त भोजन खा कर हम कई बीमारियों को आमंत्रित कर रहे हैं। वही राजीव जैविक खेती कर भारत को रोगमुक्त करने की तैयारी में लगे हैं।

यहा उवर्रक के लिए रसोई के कचरों, केंचुए और वेर्मिकम्पोस्ट जैसी चीज़ों का प्रयोग किया जाता है। और हम सब ये जानते हैं कि फसलो को इससे कोई नुकसान नही पहुचता है और अच्छी खेती भी होती है।

राजीव बिहार के एक जिले, गोपालगंज के रहने वाले हैं। इनका बचपन एक संयुक्त परिवार में गुज़रा है जहाँ कई लोग रहते थे। राजीव अपने सारे भाई-बहनों में बबड़े हैं और इसी कारण शुरू से ही जिम्मेदार भी हैं। राजीव के पिता जी सरकारी सिचाई विभाग में एक इंजीनियर थे।

राजीव का बचपन तो बिहार में गुज़रा लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने झारखंड जाने का निर्णय लिया। हजारीबाग के एक होस्टल में रूम ले कर उन्होंने आगे की पढ़ाई जारी रखी। वहां IIT में जाने की कोशिश सफल ना रही तो उन्होंने बीकॉम में एडमिशन ले लिया और आगे चलकर CA के लिए एनरोलमेंट भी कराया।

राजीव ने 2003 में CA में सफलता हासिल की , chatered अकाउंटेंट बने। उस वक़्त उनका वेतन लगभग 45000 रुपये था। उनकी शादी 2009 में रश्मि सहाय से हुई जो पेशे से एक प्लास्टिक इंजीनियर हैं।कही न कही उनका मन खेती की तरफ जाता रहता था।

वो किसानों की मानसिकता को समझना चाहते थे और आखिरकार आगे चलकर राजीव ने CA की नौकरी छोर कर जैविक खेती की तरफ रुख किया। वो एक NGO भी चलाते हैं जिसका नाम है – अंकुर रूरल एंड ट्राइबल डेवलोपमेन्ट सोसाइटी

इस खेती को राजीव ने लगभग 2.50 लाख की लागत से शुरु किया । सर्वप्रथम 7 एकड़ में तरबूज़ और खरबूज की खेती हुई और सबसे अच्छी बात ये है कि उस उपज से पूरे 19 लाख की आमदनी हुई जो कि एक सफलतम शुरुआत कही जा सकती है। उस 19 लाख में से उन्हें कुल 9 लाख का फायदा हुआ।

उन्हीने उसके बाद 50 मजदूरों को काम भी दिया। राजीव का लक्ष्य है कि वो 1 करोड़ टर्नओवर की आमदनी करे जिसके लिये उन्हीने 13 एकड़ की और ज़मीन लीज़ पर लिया और चमत्कार ऐसा हुआ कि दिन रात मेहनत कर के 2016 में राजीव ने 50 लाख से ज्यादा का कमाई किया जो कि बहुत ही सराहनीय है।

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.