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 छोटे बच्चे को रोज़ाना 20 मिनट पढ़ने की आदत डालें. पढ़ने से न केवल बच्चे का विकास होता है, बल्कि उसकी शब्दावली में वृद्धि होती है यानी उसका लर्निंग प्रोसेस बढ़ता है.

बच्चे को पढ़ाई के बारे में अपनी राय व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करें. चाहे पैरेंट्स उसकी बात से सहमत हों या नहीं.

सबसे पहले अपने बच्चे का लर्निंग स्टाइल जानें, लर्निंग स्टाइल- ऑडियो, विज़ुअल, वर्बल या लॉजिकल आदि. कुछ बच्चे विज़ुअल देखकर ज़्यादा सीखते हैं,

तो कुछ ऑडियो को सुनकर चीज़ों को याद रखते हैं.लर्निंग प्रोसेस में बच्चे की मदद करें. उन विषयों के बारे में जानने का प्रयास करें, जिनमें बच्चे की रुचि है.

बच्चे के लर्निंग प्रोसेस पर अपना ध्यान केंद्रित करें, न कि उसके परफॉर्मेंस पर. बच्चा एक बार चीज़ों को अच्छी तरह से सीख-समझ लेगा, तो उसके परफॉर्मेंस में भी अपने आप सुधार आ जाएगा.

बच्चे को अपनी किताबें, पेपर्स और असाइमेंट्स को व्यवस्थित ढंग से रखने में उसकी मदद करें. थोड़े प्रयासों के बाद उसे ऑर्गनाइज़्ड रहने की आदत प़़ड़ जाएगी.

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.