एशिया के सबसे अमीर शख्स मकेश अम्बानी की कम्पनी जिओ टेलिकॉम कम्पनी में बहुत कम समय में बहुत अच्छा स्थान पा चूका है | बता दे की रिलायंस जियो देश के एक हजार शहरों में 5जी लॉन्च की तैयारी कर रहा है. कंपनी अपने 5G नेटवर्क पर हेल्थकेयर और इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन के टेस्ट कर रही है | 5जी नेटवर्क पर डेटा की खपत अधिक होगी इसलिए कंपनी उच्च खपत वाले इलाकों और ग्राहकों की पहचान के लिए हीट मैप्स, 3डी मैप्स और रे ट्रेसिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है, जिससे ग्राहकों की जरूरत के मुताबिक एक मजबूत नेटवर्क खड़ा किया जा सके. रिलायंस इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजों में यह बात उभर कर सामने आयी |
आपको बता दे की ग्राहक आधारित 5जी सॉल्यूशंस को डेवलप करने के लिए जियो ने कई टीमें बनायी हैं, जिन्हें भारत के साथ साथ अमेरिका में भी तैनात किया गया है ताकि वे विभिन्न प्रकार के 5जी सॉल्यूशंस को डेवलप कर सकें. कंपनी का मानना है कि ये टीमें ऐसे 5जी सॉल्यूशंस तैयार करेंगी, जो तकनीकी स्तर पर दुनिया के समकक्ष या उनसे बेहतर होंगे. इसके अलावा, कंपनी ने यूरोप में एक टेक्नोलॉजी टीम भी बनायी है जो 5जी से आगे की तैयारी करेगी |
क्या है जिओ यूजर का बेस : मीडिया रिपोर्ट की माने तो जियो ने इस तिमाही करीब 1 करोड़ 20 लाख ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा, लेकिन सिम कंसोलिडेशन की कोशिशों के चलते जियो ने उन उभोक्ताओं को सूची से हटा दिया है, जो सेवाओं का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे. इस वजह से इस तिमाही में जियो की कुल उपभोक्ता संख्या में 84 लाख की कमी आयी है. जियो का ग्राहक आधार अब 42 करोड़ 10 लाख के करीब है. उधर जियो फाइबर के उपभोक्ताओं की संख्या भी 50 लाख के पार पहुंच गई है |