रेलवे का वह भी दौर था, जब रेलवे स्‍टेशन पर यात्रियों को मात्र एक रुपये में पानी मिल जाता था। गर्मी की प्‍यास एक रुपये में बुझ जाती थी तो यात्री रेलवे को धन्‍यवाद भी देते थे। हालांकि अब यह बीते दिनों की ही बात हो गई है। एक रुपये में 300 एमएल और पांच रुपये में एक लीटर मिनरल वाटर अब रेलवे स्टेशनों पर नहीं मिलेगा। रेलवे ने स्टेशनों पर लगे वाटर एटीएम बंद कर दिए हैं। एटीएम बंद होने से गरीब यात्रियों को स्वच्छ व ठंडे पेयजल के लिए अब 15 रुपये खर्च कर रेल नीर खरीदना होगा।

आपको बता दे की प्रयागराज रेलवे जंक्‍शन पर वाटर एटीएम खस्ताहाल हैं और इसके जल निकासी स्थल धूल फांक रहे हैं, मशीन के अंदर कपड़े, झाडू और गंदगी भरी हुई है। इनकी हालत महीनों से इसी तरह से बनी हुई है। वाटर एटीएम की सुध लेने वाला शायद कोई नहीं है। बता दे की अब रेलवे 90 प्रतिशत ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया है। परंतु गरीब यात्रियों के लिए वाटर एटीएम शुरू नहीं कर सका। आईआरसीटीसी के अधिकारियों का कहना है कि एटीएम का संचालन करने वाली कंपनी भाग गई है। इस वजह से एटीएम बंद हैं।

जानकारी के लिए बता दे की प्लेटफार्म नंबर एक पर लगे वाटर एटीएम पर आज भी उसके उद्घाटन के दौरान लगाई गई चमचमाती शिलापट्ट लगी है। जिसमें लिखा है कि इसका उद्घाटन तत्कालीन सांसद केशव प्रसाद मौर्य व श्यामा चरण गुप्ता ने पांच सितंबर 2016 को किया था। बता दे की वाटर एटीएम के माध्यम से यात्रियों को 300 एमएल मिनरल वाटर एक रुपये में, आधा लीटर तीन रुपये में, एक लीटर पांच रुपये में, दो लीटर आठ रुपये में और पांच लीटर 20 रुपये में दिया जाता था। बोतल न होने पर बोतल सहित मिनरल वाटर 2 रुपये (गिलास में), 5, 8, 12 व 25 रुपये में उपलब्ध कराया जाता था।

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