इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ (IPO) मार्केट में इस साल एलआईसी के अलावा मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलांयस जियो (Reliance Jio) का आईपीओ आ सकता है। बताया जा रहा है की अरबपति मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलांयस जियो का आईपीओ इस साल प्राइमरी मार्केट में दस्तक दे सकता है। खबरों के माने तो विदेशी ब्रोकरेज फर्म CLSA के अनुसार, रिलायंस जियो इस साल लिस्ट हो सकती है। CLSA के मुताबिक, इसका वैल्यूएशन 7.40 लाख करोड़ यानी 100 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। इसकी लिस्टिंग के बाद यह ग्रुप में रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद दूसरी सबसे बड़ी कंपनी होगी। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है।
CLSA ने क्या कहा? आपको बता दे की ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने एक नोट में कहा कि मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो का आईपीओ इस साल लॉन्च हो सकता है और इसका वैल्यू लगभग 100 अरब डॉलर के आसपास हो सकता है। सीएलएसए के विश्लेषकों ने कहा कि जियो में 2020 में 13 निवेशकों को करीबन 33% हिस्सेदारी बेची जा चुकी है। खास बात यह है की इसमें से 10% के करीब फेसबुक को और 8% के करीब गूगल को हिस्सेदारी बेची गई थी। रिलायंस जियो देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है। इसके पास अक्टूबर 2021 में 42 करोड़ से ज्यादा ग्राहक थे।
जानकारी के अनुसार सीएलएसए ने कहा ”रिलायंस जियो को अलग से लिस्टेड करना भारत में दूरसंचार क्षेत्र के लिए उत्प्रेरक हो सकता है। सीएलएसए के विश्लेषकों ने रिलायंस जियो को 11.5x ईवी/एबिटा पर 99 अरब डॉलर ईवी का मूल्य दिया, जिसमें जियोफाइबर के लिए 5 अरब डॉलर का ईवी शामिल है।
2016 में हुई थी एंट्री : खबरों की माने तो रिलायंस जियो की साल 2016 में टेलीकॉम इंडस्ट्री में एंट्री हुई थी। इसके बाद कंपनी ने फ्री कॉलिंग और डेटा के जरिए टेलीकॉम इंडस्ट्री में प्राइस वॉर छेड़ दी थी। इसका नतीजा ये हुआ कि देश की कई टेलीकॉम कंपनियों को अपना कारोबार समेटना पड़ा। वहीं, कुछ कंपनियों ने विलय के रास्ते को अपनाया। फिलहाल, टेलीकॉम इंडस्ट्री में रिलायंस जियो की टक्कर एयरटेल से होती है। एयरटेल के अलावा वोडाफोन-आइडिया भी तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है।