apanabihar.com 2 107 10

कई बार लोगों पढ़ाई या काम के सिलसिले में एक शहर से दूसरे शहर में शिफ्ट होना पड़ता है चाहे आप कहीं निजी कंपनी या फिर सरकारी विभाग में नौकरी करते हैं तो यह खबर आपके काम की है। दरअसल, नौकरी के दौरान कर्मचारियों का एक से दूसरे शहरों में तबादला हो जाता है। बताया जा रहा है की इस दौरान सबसे ज्यादा परेशानी बाइक को लाने-ले जाने में होती है लेकिन वैसे लोगों को अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। थोड़ा सा अपडेट होने की आवश्यकता है। और आपकी बाइक आपके मनपसंदजगह पर पंहुच जायेगी |

Also read: Summer Special Train: दिल्ली से बिहार आना हुआ हुआ आसान, चलेगी स्पेशल ट्रेनें

पार्सल करने का है दो तरीका : आपको बता दे की ये दो तरीका दरअसल रेलवे की ही है | भारतीय रेलवे किसी भी सामान को दो तरीके से भेजता है। इसमें पहला लगेज रूप व दूसरा पार्सल रूप होता है। लेगेज रूप का मतलब होता है कि आप यात्रा के दौरान सामान अपने साथ ले जा रहे हैं। जबकि पार्सल का मतलब होता है कि आप अपनी पसंद की जगह पर समान भेज रहे हैं, लेकिन उसके साथ यात्रा नहीं कर सकते। आशा करता हु आप भारतीय रेलवे के दोनों तरीको को अच्छे से समझ गए हू | अगर इसे सीधा से बोले तो एक तरीका हुआ समान को अपने साथ ले जाना और एक तरीका समान को अपने साथ नहीं बल्कि रेलवे खुद ही भेजेगा और बता दे की दोनों तरीका भारतीय रेलवे का ही है |

Also read: Vande Metro Train: बिहार में अब चलेगी वंदे मेट्रो ट्रेन, जाने कौन से जिले से चलेगी

अगर आप अपनी बाइक को एक जगह से दुसरे जगह ले जाना चाहते है तो आपको ये बात की जानकारी जरूर होनी चाहिए |

  • अगर आपको बाइक पार्सल करना है तो यह जानकारी आपके पास जरूर होनी चाहिए। जिस दिन आपको बाइक भेजना है उससे एक दिन पूर्व बुकिंग जरूर करा लें।
  • बाइक से संबंधित सारा कागजात आपके पास होने चाहिए।
  • आपका आईडी कार्ड साथ में होने चाहिए।
  • बाइक को अच्छी तरह से पैक किया गया है या नहीं, उसे एक बार जरूर देख लें।
  • बाइक में पेट्रोल नहीं होना चाहिए। अगर कार में पेट्रोल हो तो एक हजार रुपये जुर्माना लग सकता है।

कितना लगता है किराया ? बताया जा रहा है भारतीय रेलवे से सामान भेजने के लिए वजन और दूरी के अनुसार भाड़े की गणना होती है. बाइक ट्रांसपोर्ट करने के लिए रेलवे सस्ता और तेज माध्यम है. लगेज का चार्ज पार्सल के मुकाबले अधिक होता है. 500 किलोमीटर दूर तक बाइक भेजने के लिए औसत भाड़ा 1200 रुपये होता है, हालांकि इसमें थोड़ा अंतर आ सकता है. इसके अलावा बाइक की पैकिंग पर करीब 300-500 रुपये तक का खर्च आ सकता है |

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.