सीडीएस बिपिन रावत समेत तमिलनाडु हेलिकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले सभी 13 लोगों को आज अंतिम विदाई दी गई. जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर उनके आवास से बरार स्क्वायर लाया गया. यहां CDS रावत की दोनों बेटियों ने पूरे रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया. दिल्ली कैंट के बरार स्क्वायर स्थित श्मशान भूमि में एक ही चिता पर दोनों के शवों को बेटियों कृतिका व तारिणी ने मुखाग्नि दी तो आंखें नम हो गईं। वहां मौजूद हजारों लोग ‘भारत माता की जय’, ‘जनरल रावत अमर रहें’, ‘उत्तराखंड का हीरा अमर रहे’, ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, रावत जी का नाम रहेगा’ नारे लगा रहे थे।
आपको बता दे की इससे पहले हिंदुस्तान के सपूत जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर शुक्रवार को बेस हॉस्पिटल से उनके आवास लाया गया. यहां सीजेआई एनवी रमन्ना, तीनों सेनाओं के प्रमुख, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. सीडीएस बिपिन रावत और मधुलिका रावत की बेटियों कृतिका और तारिनी ने अपने माता-पिता को श्रद्धांजलि दी. इससे पूर्व जनरल रावत को 17 तोपों की सलामी देने के साथ ही 33 सैन्यकर्मियों ने आखिरी विदाई दी। राष्ट्रपति के निधन पर 21 तोपों से सलामी देने की परंपरा है और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को 17 तोपों की सलामी दी जाती है।
बताते चले की अंतिम संस्कार के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कई पूर्व सेना अध्यक्ष, फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लिनेन, ब्रिटिश उच्चायुक्त एलिस, बांग्लादेश, भूटान व कई अन्य देशों के अधिकारी व सेना के आठ सौ जवान मौजूद रहे। दूरदर्शन व दूसरे टीवी चैनलों पर लाखों लोग इस बहादुर आफिसर की अंतिम यात्रा का सीधा प्रसारण देख रहे थे।