तमिलनाडु में कुन्नूर के जंगलों में वायुसेना का एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 14 लोग सवार थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरा देश उनकी सलामती की दुआएं कर रहा है। 31 दिसंबर 2019 को थल सेनाध्यक्ष के तौर पर रिटायर होने के अगले दिन ही जनरल रावत देश के पहले रक्षा प्रमुख बने, रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2011 तक थल सेनाध्यक्ष के पद पर रहे।
आपको बता दे की इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. वहीं गुरुवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह संसद में इस मामले पर बयान देंगे. बताया जा रहा है कि एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी सुलुर एयरफोर्स स्टेशन पहुंचने वाले हैं.
सीडीएस बिपिन रावत का दिल्ली से तमिलनाडु तक का सफर
- सीडीएस बिपिन रावत सुबह करीब 9 बजे दिल्ली से स्पेशल एयरक्राफ्ट के जरिए रवाना हुए. इस विमान में उनके साथ उनकी पत्नी और 9 लोग सवार थे.
- सुबह 11.35 बजे वे एयरफोर्स के सुलुर स्टेशन पहुंचे. महज 10 मिनट बाद 11.45 बजे Mi-17V5 हेलीकॉप्टर में सवार होकर उन्होंने वेलिंगटन आर्मी कैंप के लिए उड़ान भरी.
- इस हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 9 लोगों के अलावा 5 क्रू मेंबर समेत कुल 14 लोग सवार थे.
- दोपहर करीब 12.20 बजे कट्टेरी इलाके के नानछापा छाथाराम इलाके में हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हो गया.
- सुलुर एयर फोर्स स्टेशन से हादसे वाली जगह की दूरी करीब 94 किलोमीटर की है. वहीं वेलिंगटन आर्मी कैंप से दुर्घटनास्थल की दूरी लगभग 16 किलोमीटर है. हादसे वाली जगह से वेलिंगटन पहुंचने में महज 5 मिनट का समय लगता है.