रेल में सफर के दौरान सबसे अच्छी सीट लोअर बर्थ (Lower berth seats) मानी जाती है, लेकिन आसानी से लोअर बर्थ मिलती नहीं है. यदि आप लोअर बर्थ सुनिश्चित करना चाहते हैं तो आपको IRCTC द्वारा बताई गई प्रक्रिया को समझना चाहिए. रेलवे का पास भी हर चीज की लिमिटेशन है. लेकिन, यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने कड़े नियम बनाए हुए हैं. बता दे की इन नियमों की जानकारी होना और उन्हें फोलो करना दोनों ही जरूरी है. सफर के दौरान मीडिल बर्थ आपको मिल जाए तो क्या करेंगे. क्योंकि, लोअर बर्थ वाले मुसाफिर अक्सर देर रात तक बैठे रहते हैं. ऐसे में काम आते हैं रेलवे के नियम, मिडिल बर्थ को लेकर रेलवे के निमय अलग हैं.

रेलवे के नियमों को पढ़ा जाए तो कोई भी आपकी यात्रा सही मायने आरामदायक हो जाएगी. यात्रा करते वक्त अपने अधिकार और रेलवे के नियमों की जानकारी शायद ही कुछ लोगों को होती है. आपको बता दे की भारतीय रेलवे (Indian Railways) की तरफ से ट्रेनों में सफर करने के दौरान वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) को लोअर बर्थ की प्राथमिकता दी जाती है, लेकिन कई बार ऐसा भी होता है, जब टिकट बुकिंग के दौरान सीनियर सिटिजन के लिए आग्रह करने के बावजूद लोअर बर्थ नहीं मिल पाती. ऐसा क्यों होता है, इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना बेहद जरूरी है.

जानकारी के लिए बता दे की रेलवे ने एक यात्री द्वारा पूछ गए सवाल के जवाब में वह तरीका बताया है, जिसके तहत लोअर बर्थ अलॉट की जाती है. यात्री ने ट्विटर पर सवाल किया था, ‘मैंने तीन सीनियर सिटीजन के लिए लोअर बर्थ प्रेफरेंस के साथ टिकट बुक की थीं, तब 102 बर्थ उपलब्ध थीं. बावजूद इसके उन्हें एक मिडिल, एक अपर और एक साइड लोअर बर्थ दी गईं. ऐसा क्यों है? इसे सुधारा जाना चाहिए’

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