‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ के तहत बिहार के समस्तीपुर जिले के लिए हल्दी चयनित है। आपको बता दे की बिहार के समस्तीपुर खेती के साथ इससे जुड़े उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। बता दे की बिहार के समस्तीपुर हल्दी प्रोसेसिंग उद्योग के लिए 43 लोगों ने आनलाइन आवेदन किया है, इनमें 11 को स्वीकृति भी मिल गई है। जल्द ये उद्योग काम करने लगेंगे। इससे किसानों को फायदा होने के साथ समस्तीपुर के लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

बिहार के समस्तीपुर जिले में फिलहाल पाच हजार हेक्टेयर में हल्दी की खेती होती है। छोटे-बड़े करीब 10 हजार किसान इससे जुड़े हैं। बताया जा रहा है की हर साल समस्तीपुर से करीब पाच लाख टन हल्दी का उत्पादन होता है। बिहार के समस्तीपुर जिले में इसके व्यापार का बड़ा केंद्र वारिसनगर बाजार समिति की मसाला मंडी है। यहा बिहार के साथ बंगाल और नेपाल के भी व्यापारी आते हैं। खुली मंडी होने के कारण भाव स्थिर नहीं होता है। उम्मीद है कि नई योजना से हल्दी व इसके उत्पाद को बड़ा बाजार मिलेगा।

चयनित उत्पाद पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और बिहार सरकार वित्तीय सहायता प्रदान कर रही। उद्योग लगाने पर 35 प्रतिशत अनुदान का प्रविधान है। स्वीकृत 11 उद्योगों को इसका लाभ मिलेगा। 32 के आवेदन भी जल्द स्वीकृत हो जाएंगे। मार्केटिंग में भी सहयोग किया जाएगा।

दूसरी ओर, कृषि विभाग भी इसकी खेती को बढ़ावा दे रहा है। जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार का कहना है कि खेती से रोजगार के अवसर के साथ किसान आत्मनिर्भर बन सकें, इसकी कोशिश हो रही। खेती में आनेवाली दिक्कतें दूर की जा रही हैं। इससे नए किसान भी हल्दी की खेती के लिए प्रेरित होंगे।

बिहार के समस्तीपुर जिले में हल्दी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए सूक्ष्म व लघु उद्योग स्थापित किए जाएंगे। खेती और प्रसंस्करण के लिए सरकार किसानों को वित्तीय व तकनीकी मदद पहुंचाएगी।

अजय कुमार सिंह

सहायक निदेशक (उद्यान), समस्तीपुर।

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