रेल यात्रियों के लिए जरूरी खबर है. स्टेशन और ट्रेन को साफ रखने के लिए रेलवे ने जबरदस्त प्लान तैयार किया है. पान-गुटखा खाकर रेल यात्रा करने या रेलवे परिसर में घूमने वाले लोगों की वजह से रेलवे की मुसीबत बढ़ गई है। दरअसल, इस तरह के लोगों की थूक मिटाने के चक्कर में भारतीय रेलवे को 1200 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े हैं। 

विज्ञापन पर भी होते हैं खर्च: खास बात ये भी है कि भारतीय रेलवे यात्रियों की इस हरकत को रोकने के लिए विज्ञापन पर भी खर्च करता है। भारतीय रेलवे विज्ञापनों के जरिए यात्रियों से इधर-उधर नहीं थूकने की अपील करता है। इसके बावजूद स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि भारतीय रेलवे को थूक के दाग मिटाने के लिए सालाना 1200 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन अब भारतीय रेलवे इन आदतों को कंट्रोल करने के लिए एक नायाब तरीका ढूंढ निकाला है.

आपको बता दे की स्टेशन और प्लेटफॉर्म पर लोगों को इस आदत पर रोक लगाने के लिए भारतीय रेलवे एक अनोखा इनोवेशन लेकर आया है. आप जान कर दंग रह जाएंगे कि हर साल भारतीय रेलवे पान और तंबाकू खाने वालों की थूकने की वजह से बने दाग-धब्बों और निशानों को साफ करने के लिए 1200 करोड़ रुपये खर्च करता है. यानी एक बुरी आदत की वजह से 1200 करोड़ रुपये फालतू खर्च होते हैं.

42 स्टेशनों पर लगेंगी वेंडिंग मशीन
बताया जा रहा है की भारतीय रेलवे अब हर साल बर्बाद होने वाले ये 1200 करोड़ रुपये बचाने का एक जबरदस्त प्लान तैयार कर लिया है. इसके तहत यात्रियों को रेलवे परिसर में थूकने से रोकने के लिए अब 42 स्टेशनों पर वेंडिंग मशीन और कियोस्क लगाए जाएंगे. पीटीआई की खबर के मुताबिक, रेलवे की ओर से इस वेंडिंग मशीन में 5 और 10 रुपये तक के स्पिटून पाउच (पाउच वाला थूकदान) दिए जाएंगे.

भारतीय रेलवे के 3 जोन- वेस्टर्न, नॉर्दर्न और सेंट्रल- ने इसके लिए एक स्टार्टअप EzySpit ​​को ठेके दिए हैं। इस कंपनी के जरिए यात्री बायोडिग्रेडेबल पाउच वाला पीकदान (Spittoon Pouch) खरीद सकेंगे। इस पाउच को आप जेब में भी रख सकते हैं। अलग-अलग साइज के इस पाउच को आप एक से ज्यादा बार भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस पाउच को कुछ इस तरह से बनाया गया कि इसमें थूक ठोस बन जाएगा।

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