म्यूचुअल फंड को लेकर हमेशा यह कहा जाता है कि लॉन्ग टर्म के लिए investment करना चाहिए. निवेशकों को कभी भी अपनी SIP बंद नहीं करने की सलाह दी जाती है. लेकिन investment को लेकर यह लॉजिक बिलकुल सटीक है कि लॉन्ग टर्म के निवेश में मार्केट के उतार-चढ़ाव की एवरेजिंग के साथ-साथ कम्पाउंडिंग का शानदार फायदा मिलता है. बता दे की रिटेल निवेशकों को इसमें एफडी या फिक्स से ज्यादा रिटर्न भी मिल रहा है. लेकिन यहां जमा पैसा कब निकाले इस मामले में कई लोग गलती कर जाते हैं.
जानकारी के लिए बता दे की वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी Fintoo के सीईओ मनीष पी. हिंगर का कहना है कि अचानक कोई इमरजेंसी आ जाए और आपके पास पर्याप्त फंड नहीं हो, तो आप अपना फंड रिडीम कराकर पैसे का इस्तेमाल अपनी जरूरत पूरी करने के लिए करें. हालांकि, यहां एक सलाह यह भी है कि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को रिडीम कराने से पहले एकबार अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श करें. मान लीजिए कि आपको अपनी बेटी की शादी के लिए पैसे की जरूरत है और आपने एसआइपी या एकमुश्त अमाउंट से इक्विटी फंड में investment करना चालू किया. बेटी की उम्र है 15 साल. आपको 10 साल में 25 लाख इकठ्ठे करने हैं तो सबसे पहले आपके दिमाग में टारगेट होना चाहिए कि आपको कितना अमाउंट इकठ्ठा करना है. अगर ये लक्ष्य सातवें या आठवें साल में अचीव हो जाता है. यानी कि आपने 10 साल के लिए 12 फीसदी रिटर्न का सोचा था मगर आपको 15 फीसदी रिटर्न मिल गया और आपका गोल हासिल हो गया. तो इस रकम को विद्ड्रॉ करके लिक्विड फंड में सेव करना चाहिए.
साथ ही उन्होंने कहा की इमरजेंसी के अलावा आप उस स्थिति में भी अपना फंड रिडीम करा सकते हैं, जब बीते 2 साल से वह परफॉर्म नहीं कर रहा हो. इसमें बेहतर सलाह यह है कि ऐसे फंड से पैसा निकालकर बेहतर ऑप्शन में investment करना चाहिए. बताया जा रहा है की मार्केट में जब तेजी का माहौल होता है तब लोग उसके पीछे भागते हैं. हर कोइ व्यक्ति जो मार्केट के बारे में ज्यादा जानता भी नहीं वो भी रातों-रात शेयर बाजार से पैसा कमा लेना चाहता है. दरअसल, 10 साल में इस तरह का माहौल दो या तीन बार अवश्य आता है. ऐसे वक्त में आपको सावधान हो जाना चाहिए.