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साल 2016 में आज की ही तारीख को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक नोटबंदी (Demonetisation) का ऐलान किया तो हर कोई सकते में आ गया था. पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि आज से 500 और 1000 के नोट कानूनी तौर पर वैध नहीं रहेंगे. अब 500 और 1000 की जगह नए तरह का 500 और 2000 का नोट चलन में है. लेकिन, कभी आपने सोचा है कि आपके जो 500 और 1000 रुपये के नोट थे, उनका आखिर हुआ क्या?

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मार्केट में आए नए नोट

जानकारी के लिए बता दे की नोटबंदी के बाद 500 और 1000 के पुराने नोट (Old Currency) आरबीआई (Reserve Bank of India) की निगरानी में जमा हुए थे. इसका मतलब इनके बदले लोगों को बराबर कीमत के नए नोट दिए गए और आज 500 और 2000 के नए नोट चलन में हैं, साथ ही 20, 100 और 50 के नए नोट भी आ गए हैं. बता दे की नोटबंदी के दौरान 15 लाख करोड़ से ज्यादा के पुराने नोट जमा हुए थे और वे नोट आज चलन में भी नहीं हैं. 

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नोटों से तैयार हुआ ये सामान

बताया जा रहा है की पहले चरण में यह देखा जाता है कि करेंसी नष्ट करने के लायक हैं या नहीं. फिर दूसरे चरण में श्रेडिंग ब्रिकेट सिस्टम के जरिए नोटों को मशीन की मदद से महीन कतरनों में बदला जाता है. इन कतरनों को फिर से कम्प्रेस कर ब्रिक्स की शेप दी जाती है. बता दे की इन नोटों को फिर से बाजार में चलन के लिए वापस नहीं लाया जाता और इनके कागज का इस्तेमाल अन्य सामान बनाने में किया जाता है. आरबीआई के नियमों के मुताबिक बंद हो चुके नोटों को करेंसी वेरिफिकेशन प्रोसेसिंग सिस्टम (CVPS) के तहत विघटित किया जाता है. चलन से बाहर नोटों को पहले अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाता है और फिर उनके इस्तेमाल के बारे में फैसला होता है.

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जानकारी के लिए बता दे की आरबीआई (Reserve Bank of India) पुराने नोटों को रिसाइकिल नहीं करता यानी बंद होने के बाद फिर से उन नोटों को चलन में नहीं लाया जाता है. पुराने नोटों की खासियत ये है कि वे पानी में पूरी तरह गलते नहीं है और न ही कलर छोड़ते हैं. ऐसे में उनका इस्तेमाल कागज के अन्य सामान बनाने में किया जा सकता है.

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