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अब बिहार में बिहार के लोगो को स्थायी लाइसेंस के आवेदकों के लिए अब ड्राइविंग टेस्ट पास करना आसान होगा। परिवहन विभागने टेस्ट के नियमों को थोड़ा सरल कर दिया है। पूर्व में ये खासे सख्त थे। टेस्ट पास करने के लिए आवेदकों को वाहन चलाते हुए दो बार अंग्रेजी का आठ (8) बनाना होता है। इस दौरान जमीन पर पांव रखने पर उन्हें फेल कर दिया जाता था। अब आवेदक परीक्षा के दौरान दो बार जमीन पर पांव रख सकेंगे। दो बार पैर रखने पर उन्हें फेल नहीं किया जाएगा।

बिहार में परिवहन विभाग द्वारा सभी जिलों को इस दिशा में तेजी से काम करने को कहा गया है. अधिकांश जिलों में जमीन अधिग्रहण कर ली गई है या फिर चिन्हित करने की प्रक्रिया चल रही है. जिन जिलों में काम देरी से हो रहा है वहां के डीएम से सितंबर के अंत तक रिपोर्ट भी तलब की गई है. ड्राइविंग टेस्ट की व्यवस्था पहले से ज्यादा पारदर्शी होगी. फिलहाल पटना औरंगाबाद को छोड़कर दूसरे जिलों में ड्राइविंग जांच की परीक्षा मैनुअली संपन्न होती है लेकिन लगातार इस तरह की शिकायतें मिलती रही हैं कि दलालों की मिलीभगत से आवेदक घर बैठे ड्राइविंग लाइसेंस ले ले रहे हैं, ऐसे में नई व्यवस्था पारदर्शी होगी खासकर चार पहिया वाहन और भारी वाहनों का लाइसेंस पाना काफी मुश्किल हो जाएगा |

बिहार के राजधानी पटना के जिला परिवहन अधिकारी श्री प्रकाश ने बताया कि परिवहन मुख्यालय ने टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट देने वालों को थोड़ी राहत देने का निर्णय लिया गया है। पहले जहां टेस्ट देते समय जमीन पर पैर रखने पर असफल कर दिया जाता था। अब टेस्ट देते समय गलती से जमीन पर दो बार पैर रखने पर भी उन्हें फेल नहीं किया जाएगा। आपको बता दें कि पटना में ड्राइविंग टेस्‍ट के लिए कंप्‍यूटराइज्‍ड टेस्टिंग ट्रैक तैयार कर लिया गया है। इसमें किसी प्रकार की पैरवी काम नहीं करती है और सब कुछ स्‍वत: कंप्‍यूटर में रिकार्ड होते जाता है। बिहार के बाकी जिलों में भी जल्‍द ही ऐसे ट्रैक बनवाने की योजना है। इसमें अधिकारी की मनमानी भी नहीं चलती है।

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