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Varanasi : अगर आप से पूछा जाए कि बैगन के पौधे में क्या उगेगा? या फिर पूछा जाए कि टमाटर के पौधे पर कौन सी सब्जी उगती है? तो जाहिर सी बात है कि आपका जवाब होगा- बैगन के पौधे में बैगन और टमाटर के पौधे में टमाटर. ऐसे में वाराणसी में स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) के वैज्ञानिकों ने नई तकनीकी ईजाद की है. 

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यकीन नहीं होता तो देखिए तस्वीरें. ये बगिया वाराणसी के शहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान की है. तस्वीरों में आप देख रहे होंगे कि बैगन और टमाटर एक ही पौधे में उगे हैं. वो भी काफी मात्रा में. वैज्ञानिकों ने अपनी तकनीकी से ऐसे पौधे विकसित किए हैं, जिसमें आलू, टमाटर, बैगन और मिर्च का भी उत्पादन हो सकेगा. इन पौधों को ब्रिमेटो और पोमैटो नाम दिया गया है. वैज्ञानिकों ने 5 साल रिसर्च के बाद एक ही पौधे में ग्राफ्टिंग के जरिए दो सब्जी उगाने में सफलता हासिल की है.

संस्थान के डायरेक्टर डॉ जगदीश सिंह की देखरेख में प्रधान वैज्ञानिक डॉ अनंत बहादुर सिंह और उनकी टीम ने ये विज्ञान की मदद से ये करिश्मा करके दिखाया है. एक पेड़ से करीब 3 किलो से ज्यादा बैंगन और दो किलो टमाटर लगते हैं. इस विशेष पौधे में बैंगन के रोग अवरोधी पौधे पर उसकी संकर किस्म काशी संदेश और टमाटर की काशी अमन की कलम बांधकर यानी ग्राफ्टिंग की गई.

कैसे तैयार होगा पौधा

पोमैटो

आलू के पौधे के मिट्टी के ऊपर कम से कम 6 इंचा लंबा होने पर उसपर टमाटर के पौधे की ग्राफ्टिंग की जाती है. दोनों पौधों के तने की मोटाई बराबर होनी चाहिए. 20 दिन  बाद दोनों का जुड़ाव हो जाने पर उसे खेत में छोड़ दिया जाए. रोपाई के दो महीने बाद टमाटर की तोड़ाई शुरू हो जाएगी. इसके बाद आलू की खुदाई होगी.

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