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पिता पुलिस में ASI हैं, बेटी UPSC में 6ठी रैंक लाकर IAS ऑफिसर बनी: आज सबको हो रहा है गर्व

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आज हम आपकों एक ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे है जिसे लगातार दो बार निराशा हाथ लगी पर वह हिम्मत नहीं हारी। उचित समय पर उचित निर्णय लेकर अपने मेहनत से तीसरे प्रयास में UPSC की परीक्षा में 6ठा रैंक हासिल कर सफ़ल हुई।

विशाखा यादव दिल्ली की रहनेवाली है तथा उन्होंने अपनी पढाई भी वही से पूरी की है। उनके पिता का नाम राजकुमार यादव है तथा वह द्वारिका पुलिस स्टेशन में ASI है।

उनका पूरा परिवार सरकारी महकमे से जुड़ा हुआ है। विशाखा बचपन से ही बड़ी अधिकारी बनने का सपना देखती थी।

जब भी वह अपने पिता को ASI के पद पर कार्य करते देखती, सोचती कि मैं भी एक दिन ऐसी बड़ी अधिकारी बनूंगी। विशाखा ने 10वीं कक्षा में अपना लक्ष्य तय कर लिया था कि सिविल सर्विस में सफलता प्राप्त करनी है।

नौकरी के साथ किया UPSC की तैयारी, निराशा हाथ लगी

विशाखा ने दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।

स्नातक करने के बाद विशाखा बेंगलुरु में नौकरी करने लगी तथा साथ ही साथ UPSC की तैयारी में भी जुट गईं।

नौकरी के साथ तैयारी करते हुये उन्होंने 2 बार UPSC की परीक्षा दी लेकिन वह असफल रही।

जॉब छोड़ की UPSC की तैयारी, ऑल इंडिया 6ठें रैंक सफ़ल हुई

दो बार असफल होने के बाद विशाखा ने सोचा कि जब तक नौकरी करेंगी तब तक कुछ बड़ा नहीं कर सकती और ना ही अपने लक्ष्य तक पहुंच सकती है।

इस ख्याल से उन्होंने नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया। UPSC की तैयारी के लिये विशाखा नौकरी छोड़ दिल्ली चली गईं। वहां उन्होंने अपने आप को पूरी तरह से UPSC को सौंप दिया और पढ़ाई करने लगीं।

परिणामस्वरूप विशाखा ने तीसरी बार मे सफलता हासिल कर ही लिया। विशाखा ने अपने तीसरे प्रयास मे ऑल इंडिया 6ठें रैंक के साथ सफ़लता का परचम लहराया।

सफलता की बात सुन पिता की आंखे हुईं नम

विशाखा ने UPSC में 6ठें रैंक के साथ सफलता हासिल की, जब यह बात थाने पहुंची तो खुशी के मारे ASI पिता की आंखे नम हो गईं।

उन्होंने थाने में सभी को बेटी के IAS बनने की खुशी में मिठाइयाँ खिलाई तथा सभी लोगों ने विशाखा को उनकी कामयाबी के लिये ढेर सारी बधाईयाँ दी।

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