aeb6d8f9 6e8b 42c5 9a6f 578c52bacb25 20 2

भारतीय रेलवे देश को जोड़ने में बड़ा योगदान दे रहा रेलवे भी गुटखे के निशान, हाथियों के साथ हादसे और पटरियों पर मल की हाथों से सफाई की प्रक्रिया जैसी अपनी ही तरह की परेशानियों से जूझ रहा है। लेकिन अब इन मुश्किलों से निपटने के लिए खास तरह के प्लान के साथ तैयार हैं। तो आईये जानते है पुरे विस्तार से इस खबर को…

Also read: Chapra-Anand Vihar Terminal special train will run via Siwan, see timing

गुटखे पान के दाग मिटाने में इतना आता है खर्च

भारतीय रेलवे ने एक अनुमान के मुताबिक बताया की वो प्रत्येक वर्ष भारतीय रेलवे केवल पीक के दाग मिटाने के लिए 1200 करोड़ रुपये और ढेर सारा पानी खपत करता है। इनमें विशेष रूप से गुटखा और पान खाकर थूकने वालों के निशान शामिल हैं। आपने अक्सर देखा होगा भारतीय रेलवे के सफ़र के दौरान लोग पान गुटखा खा कर उसका पिक गाडी पर ही फेक देते है लेकिन आपने सोचा है कभी की इसके लिए रेलवे कितना खर्चा उठाता है | अब भारतीय रेलवे में सफर के दौरान लोगो को एक थूकदान दिया जाएगा | अतः जब इसे डिस्पोज किया जाएगा तो इनमें पेड़ लग सकेंगे। लोगों को थूकने से रोकने के लिए 42 स्टेशनों पर वेंडिंग मशीन और कियोस्क लगाए जा रहे हैं, जहां ये थूकदान 5 से 10 रुपये में मिल सकेगा।

Also read: Big announcement of Railways, more than 30 trains will run for the convenience of passengers and the number of coaches will also be increased.

भारत के रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक लेख में लिखा था, ‘एक सुबह प्रधानमंत्री ने मुझे एक अनोखा सुझाव दिया. उन्होंने सुना था कि हाथी, मधुमक्खियों से डरते हैं और उनकी आवाज से भागते हैं. उन्होंने मुझसे इस बारे में देखने के लिए कहा कि क्या पटरियों पर हाथियों के साथ दुर्घटनाओं को कम करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

Also read: The longest highway of the country, it is called NH44, the backbone of the national highways, know special things about it…

Also read: If you are also planning to go to UP-Bihar, then know that many trains will not run next week. Changes have also been made in the routes.

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.