सरकार भारत में इलेक्ट्रिक कारें बनाने के लिए टेस्ला से कई बार कह चुकी है। इसके लिए कंपनी को हरसंभव सरकारी मदद देने का भरोसा भी दिया गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी कंपनी टेस्ला चीन में बनी अपनी इलेक्ट्रिक कारें भारत में न बेचे बल्कि यहीं उत्पादन शुरू करे। गडकरी ने कहा, “मैंने टेस्ला से कहा है कि चीन में निर्मित इलेक्ट्रिक कारों को भारत में न बेचें. आपको हमारे देश में इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण करना चाहिए और भारत से कारों का निर्यात भी करना चाहिए.

गडकरी ने कहा कि टाटा मोटर्स की ई-कारें टेस्ला की कारों से कम अच्छी नहीं हैं। इसलिए मैंने टेस्ला से कहा है कि वह चीन में बनी अपनी ई-कारें भारत में न बेचे। कंपनी को भारत में ई-कारें बनानी चाहिए और यहीं से निर्यात भी करना चाहिए। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि टैक्स में छूट की मांग को लेकर टेस्ला के अधिकारियों से उनकी बात चल रही है। पिछले महीने भारी उद्योग मंत्रालय ने भी टेस्ला से कहा था कि वह पहले भारत में अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाना शुरू करे। उसे टैक्स में रियायत देने पर विचार उसके बाद ही किया जाएगा। अभी इंपोर्टेड गाड़ियों पर 60 से 100 पर्सेंट तक का टैक्स लगता है।

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2030 तक 30 फीसदी होगी ई-कारों की हिस्सेदारी उद्योग मंडल फिक्की के कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि सरकार परिवहन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए 2030 तक निजी कारों में ई-कारों की हिस्सेदारी बढ़ाकर 30 फीसदी करना चाहती है। वाणिज्यिक वाहनों में यह हिस्सेदारी बढ़ाकर 70 फीसदी और दोपहिया-तिपहिया वाहनों में 80 फीसदी करने का इरादा है।

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