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बिहार के लाल सुप्रभात ने दुनिया के सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में वाईस प्रेसिडेंट बनकर अपने साथ साथ अपने बिहार को भी गौरवान्वित किया है | उसके सीईओ भारत के ही सुंदर पिचाई हैं वहीं बिहार के एक लाल ने भी गूगल की एक ब्रांच गूगल इंडिया कंपनी का वाइस प्रेसिडेंट बनकर इतिहास रच दिया है। इसके साथ-साथ आज उनका नाम बिहार के साथ-साथ पूरे भारत में प्रसिद्ध हो चुका है। बता दे की सुप्रभात दरभंगा से प्रेसिडेंट बनकर गए है |

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 28 अगस्त को सुप्रभात ने हरियाणा के गुड़गांव स्थित गूगल ऑफिस में 28 अगस्त को इंटरव्यू दिया था। जिन के बाद उनका चयन गूगल इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट के पद के लिए किया गया है। उनके इस बड़े कारनामे के बाद अमेरिका की तीन बड़ी यूनिवर्सिटी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, हावर्ड यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने सुप्रभात को छात्रवृत्ति देते हुए वेतन देने की भी घोषणा की है | लेकिन बिहार के लाल सुप्रभात का कहना है की हम अपने देश के लिए काम करूँगा |

बिहार के दरभंगा जिले से आने वाले सुप्रभात बचपन से ही एक होनहार छात्र बताए जाते हैं। सुप्रभात के पिता राजेंद्र मिश्र दरभंगा के एक प्रोफेसर है। वह अभी वर्तमान समय में दरभंगा के एक कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। और अपनी सेवा दे रहे हैं। सुप्रभात की प्रारंभिक पढ़ाई सहरसा जिले से हुई। सुप्रभात शुरू से ही कंप्यूटर साइंस में रुचि रखने वाले एक प्रतिभावान छात्र रहे हैं। बचपन से ही वह साइबर सिक्योरिटी के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में सीखना चाह रहे थे।

सुप्रभात बताते है की इस सफलता के पीछे मेरे परिवार का हाथ है क्योंकि वो हमारे हर दुःख सुख में साथ रहते है और उनसे जितना हो सका वो किया मै इसके लिए अपने परिवार का शुक्रगुजार हू | और मेरा भी सपना था की हम भी बड़े होकर अपने देश की सेवा करूँ | अभी सुप्रभात के गाव में एक चर्चा की विषय है तो बस सुप्रभात की हर किसी की जुबान पर यही है | सब लोग इनका तारीफ़ कर रहे है |

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