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यूपीएससी की परीक्षा को अपने आप में सबसे कठिन और कड़ा एग्जाम माना जाता है | आईएएस अफसरों की ज़िन्दगी से कई लोग प्रेरणा लेते हैं | ऐसा कहा जाता है कीं अगर इंसान ठान ले तो वो दुनिया में कुछ भी कर गुजर सकता है | नाम इसी तरह का उदहारण पेश कर रहे है | जो युवा आईएएस अधिकारी बनने का सपना देख रहे हैं , उनके लिए यह कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है | असंभव की भी एक न एक दिन शुरुआत करनी ही पड़ती है | और जब उसे सफलता मिलती है तो वही शख्स आने वाले पीढ़ी के लिए मार्ग दर्शन का कारण बनते हैं | UPSC की परीक्षा देश की सबसे कठिन परिक्षाओं में से एक है | प्रत्येक वर्ष लगभग 1000 से भी कम सीटें होती है | और लगभग 10 लाख के करीब स्टूडेंट्स IAS एग्जाम के लिए अप्लाई करते हैं | ऐसे में सबसे तेज या बेस्ट अभ्यर्थी का ही सिलेक्शन होता है | जो भी IAS बनते है वो लोगों के लिए मिसाल बन जाते हैं |

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आज हम बात कर रहे हैं ऐसे शक्स की जो बिहार से खास नाता रखती हैं। जो विषम परिस्थितियों में भी इन्होंने संघर्ष से हार नहीं मानी। उनमें से एक नाम है अभिलाषा (Abhilasha) जो बिहार से नाता रखती हैं। आपको बता दे की अभिलाषा शुरू से ही पढ़ने में तेज-तरार थीं। उन्होंने अपनी शिक्षा पटना से प्राप्त की है। उन्होंने दसवीं कक्षा की पढ़ाई सीबीएसई से किया और उसमे टॉप भी हुई। उन्होंने 12वीं की कक्षा में लगभग 84% अंक लाए।

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आगे अभिलाषा ने इंजीनियरिंग के परीक्षा की तैयारी शुरू कीं और बीटेक की पढ़ाई ए. एस.पाटील कॉलेज महाराष्ट्र से संपन्न की।अभिलाषा को सिर्फ पढ़ाई ही नही बल्कि खेल-कूद में भी रुचि रखतीं हैं। उन्होंने अपनी बीटेक की पढ़ाई सम्पन्न कर नौकरी किया। अभिलाषा ने अपनी कुछ बातें अपने इंटरव्यू में बताया है। इंटरव्यू के दौरान अभिलाषा ने बताया कि किस तरह शादी ना करने के लिए वह अपने माता-पिता को मनाई हैं। अभिलाषा हमेशा कुछ-ना-कुछ करके अपने माता-पिता को ऐसा परिणाम दिया कि उन्हें लगे कि अभिलाषा का निर्णय गलत नहीं बल्कि सही है।

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यूपीएससी का पहला प्रयास उन्होंने वर्ष 2014 में किया। लेकिन उस वक्त अभिलाषा प्री नहीं हुआ। फिर अगले साल उन्होंने जमकर तैयारी की और इस बार एग्जाम नहीं दिया। दूसरी प्रयास में उन्हें सफलता 308 रैंक से प्राप्त हुई और उस सफलता के साथ वह आईआरएस बनी। लेकिन वह अपने इस कार्य से संतुष्ट नहीं थीं इसलिए उन्होंने फिर तैयारी करी और एग्जाम दिया। IAS अभिलाषा पुरे 10 लाख परीक्षार्थियों में 18वा रैंक हासिल किया |

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