हम लोग आम तौर पर रोज ऑफिस जाने के लिए या किसी अन्य काम से सड़क पर होते हैं. सड़क के किनारे लगे मील के पत्थर पर अलग-अलग रंग की पट्टियां होती हैं.

हम लोग अक्सर अपनी मंजिल की दूरी जानने के लिए मील के पत्थर पर नजर दौड़ाते हैं और चलते बनते हैं. कभी आपने सोचा है कि सड़क के किनारे दिखने वाले मील के पत्थर पर अलग-अलग रंग की पट्टियों का मतलब क्या होता है? अगर नहीं जानते तो हम आपको बता रहे हैं मील के पत्थर पर बने अलग-अलग रंग की पट्टियों के बारे में…

नारंगी रंग की पट्टियां

कई बार आप देखते होंगे कि सड़क के किनारे लगे मील के पत्थर पर नारंगी रंग की पट्टियां हैं. इन पट्टियों को देखकर आप समझ सकते हैं कि आप ग्रामीण सड़क पर हैं. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, जवाहर रोजगार योजना और अन्य स्कीम के जरिए गांवों में बनने वाली सड़कों के किनारे लगे मील के पत्थर में नारंगी रंग की पट्टियां होती हैं. भारत में ग्रामीण सड़कों का जाल करीब 3.93 लाख किलो मीटर का है.

पीली पट्टियां

पीले रंग की पट्टियों का मतलब हुआ कि आप राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा कर रहे हैं. एक शहर से दूसरे शहर या एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए जब आप एनएच से यात्रा करते होंगे तो आपको अक्सर मील के पत्थर परल पीली पट्टियां दिखती होंगी. हाल ही में जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग 1 लाख 51 हजार 19 किलो मीटर है.

नीली या काली पट्टियां

अगर आपको सड़क किनारे लगे मील के पत्थर पर नीली, काली या सफेद पट्टियां दिखें तो समझ जाइए कि आप शहरी या जिला रोड पर हैं. भारत में इस तरह की सड़कों का नेटवर्क 5 लाख 61 हजार 940 किलो मीटर का है.

हरी पट्टियां

स्टेट हाईवे के किनारे लगे मील के पत्थर पर हरी पट्टियां होती हैं. ये सड़कें राज्य के अलग-अलग शहरों को एक दूसरे से जोड़ती हैं. 2016 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में स्टेट हाईवे का नेटवर्क 1 लाख 76 हजार 166 किलो मीटर में फैला हुआ है.

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