apanabihar 3

कहते हैं जब किसी का भाग्य साथ नही देता है तो हाथ में आया खजाना भी फेंक सकता है । ऐसा हम आपको इस लिए कह रहें है क्योंकि अमेरिका में ऐसा ही हुआ है। अमेरिका में एक शख्स ने अनजाने में अपना लाखों का नुकसान कर लिया है। उसके हाथ में एक दुर्लभ मछली के तौर छोटा खजाना लग गया था और वो शख्स रातों रात लखपति बन सकता था, लेकिन उसने हाथ में आया मौका गंवा दिया। अमेरिका के आरकंसॉ का ये वाकया है, जहां एक शख्स के हाथ में एक दुर्लभ मछली लगी थी लेकिन उसने उसे बीमार समझकर वापस पानी में छोड़ दिया।

फूटी किस्मत: शख्स ने दुर्लभ ‘सोने की मछली’ को पकड़ा, बीमार समझकर वापस पानी में फेंका हाथ लगी थी दुर्लभ मछली अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के आरकंसॉ में रहने वाला एक शख्स जब मछली पकड़ रहा था, तब उसके हाथ में दुर्लभ ‘गोल्डेन फिश’ लगी थी। इस मछली को वैसे बास कहा जाता है, जबकि इसे वैज्ञानिक बेहद दुर्लभ मछली मानते हैं और ये लाखों मछलियों में से एक होती है। रिपोर्ट के मुताबिक जोश रॉजर नाम का शख्स जब मछली पकड़ रहा था तब उसक जाल में गोल्डेन मछली फंस गई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक जोश रॉजर आरकंसॉ के बीवर झील में मछली पकड़ रहा था। बेहद दुर्लभ होती है बास मछली वैज्ञानिकों के मुताबिक बास मछली लाखों में एक पाई जाती है और इसका मिलना किस्मत की ही बात होती है और जोश रॉजर की किस्मत भी कुछ देर के लिए उसके ऊपर मेहरबान हुई थी। बास मछली का रंग सुनहरा यानि सोने के रंग जैसा होता है, इसीलिए इसे सोने की मछली भी कहा जाता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक मछली का रंग जैंकोक्रोमिज्म की वजह से बदल गया था। ये एक तरह का शरीर के अंदर चल रहे किसी खास कैमिकल की वजह से होता है। मछली का रंग भले ही सुनहरा हो जाता है, लेकिन वो पूरी तरह से स्वस्थ रहती है। बॉयलॉजिस्ट जॉन स्टीन के मुताबिक जेनेटिक गड़बड़ी की वजह से मछली का रंग बदल जाता है। वहीं, मछली पकड़ने वाले जोश रॉजर ने बाद में कहा कि उन्होंने सोचा कि मछली बीमार है, इसीलिए उन्होंने फोटो लेने के बाद उसे वापस पानी में छोड़ दिया।

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.