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उत्तर प्रदेश का एक शहर है आगरा, बही आगरा जिसको प्यार की नगरी बुलाते है। लेकिन यंहा प्यार सिर्फ ताजमहल में देखने को मिलेगा रिस्तो में नहीं। यंहा के एक कपूत ने बो शर्मनाक हरकत की जिसने सारे रिस्तो को शर्मशार कर दिया, इस घटना को जिसने भी सुना उसका कलेजा मुंह को आ गया।

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दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, आगरा में एक कपूत ने अपनी बीबी के साथ मिलकर अपनी बुजुर्ग दिव्यांग मां को जंगल में ले जाकर भूखा-प्यासा मरने के लिए छोड़ दिया। जब उधर से कुछ लोग गुजरे तो महिला जंगल में पड़ी मिली। सौभाग्य से जिन लोगो को बह महिला दिखी बह एक वृद्धाश्रम के कार्यकर्ता थे।

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उन्होंने तुरंत वृद्ध महिला को जंगल से उठाकर, वृद्धाश्रम ले गए। जंहा उन्होंने भूखी महिला को खाना खिलाया। जब महिला की भूख शांत हुई तो उसकी आँखों से आंसू छलक पड़े और मुंह से कपूत की करतूत।

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बुजुर्ग ने आश्रम के लोगो को बताया:-

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‘पति से लड़कर अपने दो बेटों को काबिल बनाया। कई बार भूखा भी रहना पड़ा। फटे कपड़े भी पहने। लेकिन दवा दिलाने के बहाने छोटे बेटे ने पत्नी के साथ मिलकर मां को जंगल में लाकर छोड़ दिया।’

पेट काट कर पाला, आज मरने के लिए छोड़ा

मामला आगरा के थाना सिकंदरा अंतर्गत कैलाश मंदिर के पास का है। पीड़ित बुजुर्ग महिला का नाम महादेवी है और पति का नाम स्व. अर्जुन सिंह। पीड़िता महिला राजामंडी क्षेत्र की निवासी है। पति की कई साल पहले मौत हो चुकी है। उनके दो बेटे है, जिसमे एक बेटा दिल्ली और दूसरा बेटा आगरा में नौकरी करता है।

पीड़िता बुजुर्ग महिला ने बताया कि पति से लड़कर दोनों बेटो को बड़े लाड-प्यार से पाला, पढ़ाया लिखाया और काबिल बनाया। कई राते बिना खाये गुजारी, फाटे कपडे पहने जिससे बच्चो का जीवन संवर जाए। और आज वे ही कपूत दिव्यांग मां को जंगल में छोड़ गए।

बहु नहीं करना चाहती सास की सेवा

पीड़ित बुजुर्ग महिला के बेटे जितेंद्र की पत्नी का कहना है कि पति की प्राइवेट नौकरी है। महंगाई बहुत है, खुद के और घर खर्च चलाने मुश्किल हो रहे है। ऐसे में सास ने विस्तर पकड़ लिया, बीमार रहने लगी दबाइयो का खर्च बढ़ गया। और अब हम उनके ये सब खर्चे नहीं उठा सकते। और ना ही पूरा दिन बेड पर लेटी सास की सेवा कर सकते है। उनका दूसरा बेटा जो दिल्ली रहता है बह पहले ही खर्च उठाने से मना कर चुका है।

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.